योगा फॉर वैरिकोज वेन्स (Yoga for Varicose Veins in Hindi) : शारीरिक समस्याएं कई प्रकार की हैं और इनमें से कुछ समस्याओं को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। उनमें से एक वैरिकोज वेन्स है। पैरों पर उभरी टेढ़ी-मेढ़ी और रंगीन नसें का होना या क्या आपने कभी गौर किया है कि आपके पैर या किसी अन्य हिस्से की नस अचानक सूज जाती है। इस तरह की नस को वैज्ञानिक भाषा में वैरिकोज वेन्स कहा जाता है, जिसे वैरिकोसिटिस के रूप में भी जाना जाता है।
यह समस्या तब होती है जब नस पतली हो जाती है और रक्त से भर जाती है यानी ब्लाक हो जाती हैं। ये आमतौर पर पैरों में होती हैं, लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकते हैं। वैरिकाज़ नसों आमतौर पर सूजन या त्वचा पर उभरी हुई दिखाई देती हैं।
यह लाल, नीले और बैंगनी रंग में हो सकती है। इस लिए आज हम आपके लिए यह लेख लाये है योगा फॉर वैरिकोज वेन्स (Yoga for Varicose Veins in Hindi) इस लेख में हम आपको बताएंगे की वो कौन कौन से योग है जो इस समस्या से राहत दिला सकते है।
- वैरिकोज वेन्स क्या है? (What is Varicose Veins in Hindi?)
- क्या योग से वैरिकाज़ नसों को ठीक किया जा सकता है? (Can yoga cure varicose veins in Hindi?)
- योगा फॉर वैरिकोज वेन्स इन हिन्दी (Yoga for Varicose Veins in Hindi):
- 1. ताड़ासन योग (Tadasana Yoga for Varicose Veins in Hindi):
- 2. उत्तानासन योग (Uttanasana Yoga for Varicose Veins in Hindi):
- 3. सर्वांगासन योग (Sarvangasana Yoga for Varicose Veins in Hindi):
- 4. नावासन योग (Navasana Yoga for Varicose Veins in Hindi) :
- 5. विपरीत करनी योग (Viparita Karani Yoga for Varicose Veins in Hindi):
- 6. मत्स्यासन योग (Matsyasana Yoga for Varicose Veins in Hindi):
- 7. पवनमुक्तासन योग (Pawanmuktasana Yoga for Varicose Veins in Hindi):
- वैरिकोज वेन्स से बचने के कुछ उपाय (Some Prevention Tips for Varicose Veins in Hindi)
वैरिकोज वेन्स क्या है? (What is Varicose Veins in Hindi?)
वैरिकोज वेन्स वे वेन्स होती हैं जो रक्त के जमा होने के कारण सूज जाती हैं और बढ़ जाती हैं। वैरिकाज़ नसें तब होती हैं जब आपकी नसें बड़ी हो जाती हैं, फैल जाती हैं और रक्त से भर जाती हैं। वैरिकाज़ नसें आमतौर पर मुड़ी हुई, सूजी हुई और ढेलेदार उभरी हुई दिखाई देती हैं, इन्हें त्वचा पर आंखों से देखा जा सकता है; और इनका रंग नीला-बैंगनी या लाल होता है जो अक्सर दर्दनाक होती हैं।
खासकर महिलाओं में यह स्थिति बहुत आम है। सभी वयस्कों में से लगभग 25 प्रतिशत में वैरिकाज़ नसें होती हैं। ज्यादातर मामलों में, वैरिकाज़ नसें जांघों, टखनों और नीचले पैरों पर दिखाई देती हैं, लेकिन कई बार ये शरीर के अन्य भागों में भी दिखाई दे सकती हैं।
क्या योग से वैरिकाज़ नसों को ठीक किया जा सकता है? (Can yoga cure varicose veins in Hindi?)
यदि आप सोच रहे हैं कि क्या योग वैरिकाज़ नसों को ठीक कर सकता है? तो उत्तर नहीं है; योग में आपकी वैरिकाज़ नसों का इलाज करने की शक्ति नहीं है, यह आपको उन्हें प्रबंधित करने में मदद करने की शक्ति रखता है।योग आपकी वैरिकाज़ नसों को कुछ हद तक ठीक कर सकता है। यह उन्हें प्रबंधित करने में मदद करने की शक्ति रखता है। यह संचित लसीका और रक्त को हृदय में प्रवाहित करने में मदद करता है। आपके पैरों में अक्सर वैरिकाज़ नसों के कारण होने वाली सूजन और खराश से राहत पाने के लिए योग में किया गया स्ट्रेचिंग बहुत अच्छा होता है। योग दबाव के कारण होने वाले दर्द को कम कर सकता है।
कुल मिलाकर, यह आपकी स्थिति में सुधार करता है और अंगों के कामकाज को बढ़ाता है। इस समस्या को दूर करने के लिए स्वस्थ और संतुलित आहार और नियमित योग करना और अत्यधिक नमक और वसा के सेवन से बचना बुनियादी आवश्यकताएं हैं। तो आइए जानते हैं, वैरिकाज़ नसों के लिए योग आसन-
योगा फॉर वैरिकोज वेन्स इन हिन्दी (Yoga for Varicose Veins in Hindi):
- ताड़ासन योग (Tadasana)
- उत्तानासन योग (Uttanasana)
- सर्वांगासन योग (Sarvangasana)
- नावासन योग (Navasana)
- विपरीत करनी योग (Viparita Karani)
- मत्स्यासन योग (Matsyasana)
- पवनमुक्तासन योग (Pawanmuktasana)
योग के माध्यम से पूरे शरीर को स्वस्थ रखा जाता है। लेकिन अगर आप वैरिकोज वेन्स की समस्या को लेकर परेशान हैं और कई तरह के उपाय करने से थक गए हैं, तो यहाँ बताएं गये योगसनो का नियमित रूप से का अभ्यास करें। योगा फॉर वैरिकोज वेन्स (Yoga for Varicose Veins in Hindi) निम्नानुसार हैं:
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1. ताड़ासन योग (Tadasana Yoga for Varicose Veins in Hindi):
कैसे लाभदायक है –
यह योग सबसे शुरूआती योग आसनों में से एक है जब आप इस आसन का अभ्यास करते हुए शरीर को ऊपर की ओर उठाते हैं तो पैरों की समस्याओं जैसे घुटनों के दर्द या सूजन, दर्द, सुन्नता, जलन और झुनझुनी के लिए ताड़ासन योग बहुत फायदेमंद है। इसके रोज अभ्यास से जांघों, घुटनों और टखने मजबूत होते है। यदि आपकी नसों या मांसपेशियों में दर्द है, तो आपको ताड़ासन योग करना चाहिए इसके अभ्यास से आपको बहुत फायदा होगा।
तड़ासन योगा फॉर वैरिकोज वेन्स में कैसे किया जाता है –
- एक साफ और खुली जगह चुनें और योग मैट, दरी या कंबल बिछा कर उस पर खड़े हो जाये।
- अब पैरों और कमर को सीधा करके योगा मैट पर खड़े हो जाएं।
- सीधे खड़े होकर पैरों के बीच कुछ दूरी रखें।
- अपने दोनों हाथों को अपने शरीर के करीब रखें।
- अब गहरी सांस लें, अपनी दोनों बाहों को सिर से ऊपर उठाएं और अपनी उंगलियों को एक साथ बांध लें।
- अब अपने हाथ सीधे रखें और स्ट्रेच करें, इस दोरान आपकी हथेलियों की दिशा आकाश की तरफ होनी चाहिए।
- अब आपको अपनी एड़ी ऊपर करते हुए अपने पेरो की उंगलियों पर खड़े होना है।
- इस दौरान आपके शरीर को पैरों से लेकर हाथों की उंगलियों तक खिंचाव महसूस करना चाहिए।
- अब 10 सेकंड तक इस पोजीशन में रहें और सांस लेते रहें।
- फिर सांस छोड़ते हुए शुरु की अवस्था में आ जाएं और इस आसन को कम से कम 10 बार जरुर दोहराएं।
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2. उत्तानासन योग (Uttanasana Yoga for Varicose Veins in Hindi):
कैसे लाभदायक है –
यह योगासन आपकी जांघें और घुटने मजबूत बनाता हैं। यह आसन पूरे शरीर में रक्त के संचार को बढ़ाता है। जिससे आपके पैरों को एक अच्छा खिंचाव मिलता है, विशेष रूप से जांघों और पिंडलियों को, जो वैरिकाज़ नसों के संभावित क्षेत्र होते हैं। इस आसन के नियमित अभ्यास से पैरों में दर्द कम हो जाता है।
उत्तानासन योगा फॉर वैरिकोज वेन्स में कैसे किया जाता है –
- उत्तानासन योग में आगे की ओर झुकते हुए कदमों को छुना होता है, जिसमे आपको निचे बताई गयी विधि का उपयोग करना आवश्यक है –
- अब जब आप ताड़ासन के बारे में जान चुके है तो ताड़ासन योग करने के लिए सबसे पहले अपने पैरों की मदद से सीधे खड़े हो जाएं। फिर एक गहरी साँस ले, और अपनी बाहों को ऊपर की ओर बढ़ाएं।
- अपने धड़ को लंबा करते हुए 90 डिग्री के कोण पर थोड़ा आगे झुकते हुए साँस छोड़ें।
- अब अपनी हथेलियों को जमीन से टिकाएं और अपने हाथों से पैरों को स्पर्श करें।
- इसके बाद अपने धड़ को इस तरह मोड़ें कि आपका धड़ और छाती आपकी जांघों को छुए।
- अब 50-60 सेकंड के लिए इस मुद्रा में रहे फिर सीधे खड़े हो जाये।
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3. सर्वांगासन योग (Sarvangasana Yoga for Varicose Veins in Hindi):
कैसे लाभदायक है –
वैरिकाज़ नस एक समस्या है, जिसमें पैरों की नसें मोटी हो जाती हैं और त्वचा पर उभरी हुई दिखाई देती है सर्वांगासन में, जब पैर उठाए जाते हैं, तो रक्त की वापसी में वैरिकाज़ नस की समस्या से राहत दिलाती है। यह आसन पैरों को भी बहुत आराम देता है।
सर्वांगासन योगा फॉर वैरिकोज वेन्स में कैसे किया जाता है –
- सबसे पहले स्वच्छ खुले वातावरण में एक योग मैट बिछा लें।
- जिससे इस आसन को करते समय शरीर को स्वच्छ ऑक्सीजन मिले।
- अब इस आसन को करने के लिए योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
- दोनों हाथ और पैर सीधे जमीन पर होने चाहिए।
- हथेलियों को जमीन की तरफ रखें ,और दोनों पैर एक दूसरे से सीधे सटे होने चाहिए।
- अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए दोनों पैरों, कूल्हों और कमर को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठाएं।
- अब अपनी कमर और पीठ को ऊपर की ओर उठाने के लिए दोनों हाथों की कोहनी को जमीन पर रखें और हथेलियों से अपनी कमर को सहारा दें।
- ध्यान रहे कि इसको करते समय आपके दोनों पैर सीधे रहें, अपने घुटनों को मोड़ने न दें।
- इस आसन में शरीर का पूरा भार कंधों और सिर पर होगा।
- इसे करते समय ठोड़ी को छाती से स्पर्श कर के रखें।
- अपने कंधे से कोहनी तक के क्षेत्र को जमीन के करीब रखें और अपने चेहरे को आकाश या पैरों के अंगूठे की ओर रखें।
- अपने शरीर को स्थिर करें और अपनी क्षमता के अनुसार कुछ देर तक इस मुद्रा में बने रहें।
- सांस को सामान्य रखें।
- सर्वांगासन से बाहर आने के लिए, कमर और पैरों को धीरे-धीरे नीचे लाएं और अपने हाथों को जमीन पर रखें।
- अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
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4. नावासन योग (Navasana Yoga for Varicose Veins in Hindi) :
कैसे लाभदायक है –
जब आप इस आसन का अभ्यास करते हैं, तो आपके पैर ऊपर की ओर जाते हैं। इसलिए, रक्त ऊपर की ओर बहता हैं जिससे नसों पर दबाव कम हो जाता है। यह आपके हार्मोन के लिए अच्छा योगासन (Yoga for Varicose Veins in Hindi) है। यह पूरे शरीर के सिस्टम को मजबूत करता है पाचन, मांसपेशियों, संचार, हार्मोनल और तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ बनाता हैं। यह नसों और धमनियों में अतिरिक्त वसा को जलाकर ब्लोक नसों में रक्त परिसंचरण में सुधार करने में मदद करता है।
नावासन योगा फॉर वैरिकोज वेन्स में कैसे किया जाता है –
- सबसे पहले, आपको पीठ के बल लेटने की जरूरत है।
- श्वास लें और अपने शरीर को 30 डिग्री तक ऊपर उठाएं ताकि आप आसानी से आँखों से पैर की उंगलियों को देख सकें।
- हथेलियों को जांघों पर रखें।
- यथासंभव लंबे समय के लिए इस विशेष मुद्रा में बने रहें।
- प्रारंभ में, आप इसे 20 सेकंड के लिए कर सकते हैं और फिर अपना समय 2 मिनट तक बढ़ा सकते हैं।
- सुनिश्चित करें जब आप इस मुद्रा को बनाए रखते हैं, तो नाभि क्षेत्र में खिंचाव महसूस होना चाहिये।
- अब गहरी सांस छोड़ते हुए और आराम करते हुए शरीर को नीचे लाएं।
- श्वास और श्वास को धीरे-धीरे छोड़ें जब आप मुद्रा बनाए रखें।
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5. विपरीत करनी योग (Viparita Karani Yoga for Varicose Veins in Hindi):
कैसे लाभदायक है –
विपरीत करनी योग से कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है यह पैर की मांसपेशियों को खिचाव देता है। यह वैरिकाज़ नसों के कारण में बहुत मदद करता है। यह आसन आपके पैरों के लिए बेहद आरामदायक है। पैरों की थकान को इससे बहुत फायदा होता है। यह रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है और विषाक्त पदार्थों और अन्य उत्पादों को बाहर निकालता है।
विपरीत करनी योगा फॉर वैरिकोज वेन्स में कैसे किया जाता है –
- अपनी योग चटाई बिछा कर उस पर लेट जाये।
- अगर आप सहज महसूस न करे तो आप अपनी कमर पर कम्बल या तकिया लगा सकते है और अब सामान्य रूप से सांस लें।
- अब धीरे धीरे अपनी टांगो को ऊपर की ओर उठाये और जब टांगो से 45° कोण बन जाये तब अपनी कमर को हाथो से सहारा देते हुए अपने हिप्स को ऊपर उठाए जब तक वह एकदम सीधी ऊपर नही हो जाती।
- यह सुनिश्चित करे की आपकी कोहनियाँ जमीन पर हो और आपकी कमर को अच्छे से सहारा दे रहे हो।
- अपने पैरों को अपेक्षाकृत मजबूत रखें, बस उन्हें जगह में लंबवत रखने की कोशिश करे।
- गहरी सांस लेते रहें और अपनी सहूलियत के अनुसार इस स्थिति में रहें।
- शुरुआत में 30 – 60 सेकंड तक करें।
- स्वास्थ्य लाभ के लिए इस योग आसन का अभ्यास हर दिन 3 से 5 मिनट पर्याप्त है। हालांकि आध्यात्मिक लाभ के लिए योगी 15 मिनट तक कर सकते हैं।
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6. मत्स्यासन योग (Matsyasana Yoga for Varicose Veins in Hindi):
कैसे लाभदायक है –
मत्स्यासन योग “सभी रोगों का शत्रु” है। मत्स्यासन मुद्रा रक्त परिसंचरण का प्रबंधन करती है। मत्स्यसाना वैरिकाज़ नसों के उपचार के लिए सबसे अच्छे योग में से एक है। यह सामूहिक रूप से कई प्रणालियों पर काम करता है। यह आपके पैरों को फैलाता है और तनाव और ऐंठन से राहत देता है। इससे आपके पैर शिथिल होते हैं, और पूरे शरीर में रक्त प्रवाह नियंत्रित होता है।
मत्स्यासन योगा फॉर वैरिकोज वेन्स में कैसे किया जाता है –
- सबसे पहले अपनी योग चटाई बिछा कर उस पर दंडासन मुद्रा में बैठें।
- सांस लेते हुए दोनों पैरों को उठाकर पद्मासन मुद्रा में ले आएं।
- अब धीरे-धीरे पीठ को पीछे की ओर ले जाएं। जमीन पर कोहनी को टीकाकर अपने धड़ को सहारा दे।
- सुनिश्चित करें कि शरीर का वजन कोहनी पर हो न कि सिर पर। जैसे ही छाती को उठाया जाता है, कंधे के ब्लेड को दबाने का प्रयास करें।
- अब गर्दन को लम्बा करते हुए सिर को जमीन की ओर झुकाएं और अपने पीठ और सिर को तब तक झुकाते रहें जब तक सिर जमीन से न छू जाए।
- अब अपने हाथों को ऊपर उठाएं और हाथों से अपने पैरो के अंगूठे को पकड़ें।
- अब अपनी दृष्टि को नाक पर बनाये रखें। यदि आपको ऐसा करने में कठिनाई होती है, तो आप अपनी दृष्टि को संतुलित भी रख सकते हैं।
- अपनी क्षमता के अनुसार, इस मुद्रा में 1 से 2 मिनट तक रहें।
- फिर मुद्रा से बाहर आने के लिए धीरे-धीरे पैरों को वापस प्रारभिक मुद्रा में लाएं। इस योग के प्रारंभ में कम समय लें (कम से कम 30 सेकंड भी पर्याप्त है) और धीरे-धीरे अभ्यास का समय बढ़ाएं।
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7. पवनमुक्तासन योग (Pawanmuktasana Yoga for Varicose Veins in Hindi):
कैसे लाभदायक है –
जब इस योग आसन का अभ्यास किया जाता है तब हाथों व पैरों की मासपेशियों में स्ट्रेचिंग मिलती है जिससे यह हमारे हाथो और पैरो को मज़बूत बनाता है। यह पैरों से ऐंठन और थकान से भी छुटकारा दिलाता है। यह कूल्हों और घुटनों में मांसपेशियों और जोड़ों को ढीला करने में मदद करता है।
पवनमुक्तासन योगा फॉर वैरिकोज वेन्स में कैसे किया जाता है –
- सबसे पहले अपनी योग चटाई पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं।
- अपने घुटनो को मोड़ें और अपनी जाँघों को छाती की ओर लाएँ।
- घुटनों के ठीक नीचे दोनों हाथों की उंगलियों को एक-दूसरे से आपस में फंसा कर पकड़ें ले।
- अब “पवनमुक्तासन” अथार्त एक गहरी श्वास भर कर बहार छोड़ें।
- अब सांस छोड़ते हुए हुए दोनों घुटनों को दबा कर जितना संभव हो सके छाती की तरफ लाएं।
- अपने सिर को जमीन से ऊपर उठाएं और नाक को घुटने से छूने का प्रयास करेंगे।
- अब 30 सेकेंड तक इसी मुद्रा में थोड़ी देर रुके रहें और लंबी गहरी साँसे लेते रहें।
- अपने पैरों को खिंच कर रखे और एड़ियो को कुल्हे से लगा कर पैरों के पंजो को निचे की तरफ तने हुए रखें।
- फिर धीरे-धीरे साँस छोड़ते हुए सिर और पैरों को पहले की स्थिति में लाएं।
- पवनमुक्तासन के सभी चरणों के साथ अपनी ओर से कोई बदलाव न करें। गैस को पाचन तंत्र से बाहर निकालने के लिए इस आसन के सभी चरणों का क्रमबद्ध अभ्यास करना महत्वपूर्ण है।
वैरिकोज वेन्स से बचने के कुछ उपाय (Some Prevention Tips for Varicose Veins in Hindi)
रक्त प्रवाह और मांसपेशियों की टोन में सुधार से वैरिकाज़ नसों के विकास के जोखिम को कम किया जा सकता है। वही कुछ उपाय जो वैरिकाज़ नसों से होने वाली परेशानी का इलाज करते हैं, और उन्हें रोकने में मदद कर सकते हैं। निम्नलिखित का प्रयास करें:
- वजन संतुलित रखें।
- अपने रक्तचाप को नियंत्रण में रखें।
- कुछ देर बैठने के बाद थोड़ा टहलें।
- ज्यादा देर तक बैठने या खड़े होने से बचें।
- हाई हील्स और टाइट होजरी से परहेज करें।
- उच्च फाइबर और कम नमक वाला आहार खाएं।
- बैठते या लेटते समय अपने पैरों को ऊपर उठाएं।
- योग और व्यायाम जैसी शारीरिक गतिविधियाँ करें।
आशा है इन सभी योगासनों को जान ने के बाद आपको कभी यह नहीं बोलना पड़ेगा की योगा फॉर वैरिकोज वेन्स इन हिंदी (Yoga for Varicose Veins in Hindi) क्या होते है।
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उम्मीद है आपको हमारा यह लेख योगा फॉर वैरिकोज वेन्स इन हिंदी (Yoga for Varicose Veins in Hindi) पसंद आया होगा ,अगर आपको भी योगा फॉर वैरिकोज वेन्स इन हिंदी (Yoga for Varicose Veins in Hindi) के बारे में पता है तो आप हमे कमेंट बॉक्स में लिख कर जरूर बताये।
और अगर आपके घर परिवार में भी कोई योगा फॉर वैरिकोज वेन्स इन हिंदी (Yoga for Varicose Veins in Hindi) के बारे में जानना चाहते है तो आप उन्हें भी यह लेख भेजे जिस से उन लोगो को भी योगा फॉर वैरिकोज वेन्स इन हिंदी (Yoga for Varicose Veins in Hindi) के बारे में पता चलेगा।
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