पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम PCOS के लिए योगा (Yoga For PCOS in Hindi) : पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक सामान्य हार्मोनल समस्या है जो विश्व स्तर पर 10 में से 1 महिलाओं को अक्सर प्रभावित करती है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि योग, PCOS के इलाज के लिए एक शानदार तरीका है?
यह देखा गया है कि PCOS के लिए योग श्रोणि क्षेत्र को खोलने में मदद कर सकता है और साथ ही गहराई से संग्रहित तनाव को भी मुक्त कर सकता है और तो और यह मन और शरीर के विश्राम को भी बढ़ावा देता है।
नियमित रूप से यहाँ निचे बताये गए आसनों का अभ्यास करने से, महिलाएं अपने शरीर को डी-स्ट्रेस कर सकती हैं और डिटॉक्सिफिकेशन कर सकती हैं। तो आइये जानते है PCOS के लिए योग कौन कौन से है-
- क्या है पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम [Polycystic Ovary Syndrome PCOS in Hindi]:
- पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम PCOS में योग कैसे लाभदायक है? [How Does Yoga Help with Polycystic Ovary Syndrome PCOS in Hindi]:
- पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के लिए योग [Yoga For PCOS in Hindi]:
- 1. कपालभाति प्राणायाम [Kapalabhati Pranayama (The Breath of Fire) Yoga For PCOS in Hindi]:
- 2. तितली आसन योग [Titali Asana (Butterfly Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
- 3. शलभासन योग [Salabhasana (Locust Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
- 4. दंडासन योग [Dandasana (Staff Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
- 5. सर्वांगासन योग [Sarvangasana (Shoulder Stand Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
- 6. भुजंगासन योग [Bhujangasana (Cobra Pose)] Yoga For PCOS in Hindi]:
- 7. धनुरासन योग [Dhanurasana (Bow Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
- 8. पश्चिमोत्तानासन [Paschimottanasana (Seated Forward Bend Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
- 9. सूर्य नमस्कार योग [Surya Namaskar (Sun Salutation Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
- 10. भारद्वाजासन योग [Bharadvajasana (Seated Twist Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
- PCOS के लिए योग करते समय बरती जाने वाली सावधानियां (Precautions To Be Taken While Doing Yoga For PCOS in Hindi):
क्या है पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम [Polycystic Ovary Syndrome PCOS in Hindi]:
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) महिलाओं में होने वाली एक बेहद ही आम समस्या है। यह समस्या केवल पहले 30 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में ही हुआ करती थी, लेकिन आजकल यह समस्या छोटी उम्र की लड़कियों में भी देखने को मिल रहीं हैं।
(यह भी पढ़े – (PCOS in Hindi): PCOS क्या है?, प्रकार, लक्षण, कारण, इलाज, परीक्षण और रोकथाम)
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है, जिसमें महिलाओं के सेक्स हार्मोंस संतुलित नहीं रहते है इसके अंतर्गत महिला के गर्भाशय में Androgen हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है जिसके कारण ओवरी में छोटी-छोटी फोड़ियां (सिस्ट्स) हो जाती हैं ये सिस्ट्स छोटी-छोटी थैलीनुमा जैसी होती हैं, जिनमें तरल पदार्थ भरा होता है, जो धीरे धीरे ओवरी में ये जमा होती रहती हैं और जिनका आकार भी धीरे-धीरे बढ़ता चला जाता है इसी स्थिति को पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम कहा जाता है।
महिलाओं में यह समस्या हार्मोनल असंतुलन, मोटापा या तनाव के कारण उत्पन्न होती हैं। साथ ही कई बार इस समस्या का कारण जैनेटिकली भी होता है। साथ ही महिलाओं में अधिक चर्बी होने की वजह से भी शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे ओवरी में सिस्ट्स बनते है।
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम PCOS में योग कैसे लाभदायक है? [How Does Yoga Help with Polycystic Ovary Syndrome PCOS in Hindi]:
विशेषज्ञों के अनुसार, तनाव, चिंता और अवसाद से राहत PCOS के लिए सबसे अच्छा इलाज है। तनाव, चिंता और अवसाद इन समस्या को दूर करने का सबसे सरल और फायदेमंद इलाज योग है।
योग में विभिन्न प्रकार के आसनों का वर्णन किया गया है, जो तनाव, चिंता और अवसाद के साथ साथ PCOS के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। साथ ही असंतुलित हार्मोन का स्तर योग के माध्यम से संतुलित किया जा सकता है।
(यह भी पढ़े – PCOS के लिए होम्योपैथिक इलाज और उपचार (10 Effective PCOS Homeopathy Treatment in Hindi))
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के लिए योग [Yoga For PCOS in Hindi]:
आज हम आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताएंगे जिन्हें अगर आप हर रोज केवल थोड़े समय के लिए भी करेंगे तो आप इन परेशानियों से राहत महसूस करेंगे आइये जानते हैं कि Yoga For PCOS या पीसीओडी के लिये योगासन कौन-कौनसे हैं।
- कपालभाति प्राणायाम [Kapalbhati Pranayama (The Breath of Fire)]
- तितली आसन [Titli Asana (Butterfly Pose)]
- शलभासन [Salabhasana Yoga (Locust Pose)]
- दंडासन [Dandasana (Staff Pose)]
- सर्वांगासन [Sarvangasana Yoga (Shoulder Stand Pose)]
- भुजंगासन [Bhujangasana Yoga (Cobra Pose)]
- धनुरासन [Dhanurasana Yoga (Bow Pose)]
- पश्चिमोत्तानासन [Paschimottanasana Yoga (Seated Forward Bend Pose)]
- सूर्य नमस्कार [Surya Namaskar Yoga (Sun Salutation Pose)]
- भारद्वाजासन [Bharadvajasana Yoga (Seated Twist Pose)]
1. कपालभाति प्राणायाम [Kapalabhati Pranayama (The Breath of Fire) Yoga For PCOS in Hindi]:
PCOS के लिए योगा में कपालभाति प्राणायाम कैसे लाभदायक है:
कपालभाती वजन प्रबंधन के लिए सबसे अच्छा साँस लेने का व्यायाम है। यह पेट की मांसपेशियों और कोर पर एक उच्च प्रभाव दिखाता है। कपालभाति भी मधुमेह को नियंत्रण में लाने का काम करता है।
PCOS से जुड़ी गंभीर जटिलताएँ से निजात पाने के लिए, यह महिलाओं के लिए अभ्यास करने के लिए एक उत्कृष्ट व्यायाम है। तो आइये जानते है की PCOS के लिए योगा में कपालभाति प्राणायाम कैसे किया जाता है:
कैसे करें [How To Do Kapalabhati Pranayama (The Breath of Fire) Yoga For PCOS in Hindi]:
- सर्वप्रथम योग चटाई पर आराम से बैठ जाये।
- अब हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें और सिर एवम रीड की हड्डी को सीधा रखे।
- अब अपनी आँखों को बंद कर लें और सम्पूर्ण शरीर को ढीला छोड़ दें।
- अब दोनों नाक के गुहाओं (नाक के दोनों छिद्रों के माध्यम से) से गहरी सांस लें और पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए सांस छोड़ें।
- आपका पूरा ध्यान सिर्फ सांसो को बहार छोड़ने की तरफ़ होना चाहिए |
- जैसे ही आप पेट की मांसपेशियों को ढीला छोड़गें, सांस अपने आप फेफड़ों तक पहुंच जाएगी।
- वापस साँस लेने के लिए बहुत ज्यादा चिंता न करें।
- जैसे ही आप अपने पेट की मांसपेशियों को छोडेंगें, वैसे ही आप अपने आप सांस लेना शुरू कर देगें।
- शुरू में कम से कम दस बार सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया करें।
- इस क्रिया को 4 से 5 बार दोहराएं।
(यह भी पढ़े – पेट कम करने के योगासन [Pet Kam Karne Ke Yogasan (13 Effective Yoga For Reduce Belly Fat in Hindi)])
2. तितली आसन योग [Titali Asana (Butterfly Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
PCOS के लिए योगा में तितली आसन योग कैसे लाभदायक है:
यह मुद्रा पेट की गुहा में कमर क्षेत्र, आंतरिक जांघों और अंगों की मांसपेशियों पर काम करती है। महिलाओं में, यह अंडाशय के कार्य को विनियमित करने और मासिक धर्म चक्र को शांत करने के लिए लाभदायक मानी जाती है। तो आइये जानते है की PCOS के लिए योगा में तितली आसन योग कैसे किया जाता है:
कैसे करें [How To Do Titali Asana (Butterfly Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
- अपनी योग चटाई बिछाकर उस पर दंडासन में बैठे।
- फिर अपने घुटनों को मोड़ें और पैरों के तलवों को एक दूसरे से मिलायें, और आप से जहाँ तक संभव हो अपनी एडियों को शरीर के करीब ले जायें।
- जांघ की मांसपेशियों को पूरी तरह से आराम दें और अपने हाथों के साथ-साथ अपने पैरों को पकड़ें।
- गहरी सांस लें। साँस छोड़ते हुए, अपने घुटनों को ऊपर-नीचे करें। जरूरत पड़ने पर घुटनों को दबाने के लिए कोहनी का इस्तेमाल करें।
- अब दोनों पैरों को तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे करना या हिलाना शुरू करें।
- घुटनों को नीचे ले जाते समय जमीन को छूने की कोशिश करें। लेकिन ध्यान रखें कि ऐसा करने के लिए बल प्रयोग न करें।
- 30 से 50 बार टांगो को ऊपर निचे करें / लगभग दो से पांच मिनट के लिए इस मुद्रा को करें।
3. शलभासन योग [Salabhasana (Locust Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
PCOS के लिए योगा में शलभासन योग कैसे लाभदायक है:
यह एक और PCOS के लिए योगासन है जो अंडाशय के साथ-साथ गर्भाशय के विकारों से पीड़ित महिलाओं को लाभ पहुंचाने के लिए जाना जाता है। जैसा कि हम जानते हैं कि PCOS अंडाशय को प्रभावित करता है, और इसलिए यह PCOS की समस्या के लिए एक अच्छा योग है।
डायबिटीज PCOS की एक जटिलता है, और शलभासन (टिड्डी मुद्रा) को मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए भी जाना जाता है (यदि हर दिन इसका अभ्यास किया जाता है)। तो आइये जानते है की PCOS के लिए योगा में शलभासन योग कैसे किया जाता है:
कैसे करें [How To Do Salabhasana (Locust Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
- शलभासन करने के लिए एक योग चटाई बिछाकर अपने पेट पर लेट जाये। इसमें आपकी पीठ ऊपर की ओर और आपका पेट नीचे होना चाहिए।
- अपने दोनों पैरों को सीधा रखें और अपने पंजों को सीधा और ऊपर की ओर रखें।
- अपने दाहिने हाथ को दाहिनी जांघ के नीचे और बाएं हाथ को बायीं जांघ के नीचे दबाएं।
- अपना सिर और मुंह एक जगह स्थिर रखें।
- इसके बाद खुद को सामान्य रखें और गहरी सांस अंदर की ओर ले जाएं।
- अब अपने पैरों को धीरे-धीरे ऊपर उठाने की कोशिश करें, पैरों को अपनी अधिकतम ऊंचाई तक उठाएं जितना आप कर सकते हैं।
- अगर आप योगाभ्यास के लिए नए हैं तो आप अपने हाथों का इस्तेमाल पैर ऊंचा करने के लिए कर सकते हैं, इसके लिए आप अपने दोनों हाथों से जमीन पर अपने पैर उठा सकते हैं।
- आप इस आसन में कम से कम 20 सेकंड तक टिके रहने की कोशिश करें।
- इसके बाद, अपनी सांस को बाहर रखते हुए धीरे-धीरे अपने पैरों को निचे की ओर करें।
- फिर अपनी प्रारंभिक स्थिति में लौटें। इस मुद्रा को दोहराने से पहले 20 सेकंड का आराम करें।
- इस अभ्यास को 3-4 बार दोहराए।
(यह भी पढ़े – गैस के लिए योगा [Gas ke Liye Yoga (12 Effective Yoga For Gas Problem in Hindi])
4. दंडासन योग [Dandasana (Staff Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
PCOS के लिए योगा में दंडासन योग कैसे लाभदायक है:
दंडासन हमारे मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है और शुद्धि शक्ति बढ़ाता है। यह मांसपेशियों का निर्माण करने में भी मदद करता है एवं पीठ और सिरदर्द से राहत दिलाता है।
यह PCOS की समस्या से निजात दिलाने में काफी हद तक आपकी मदद कर सकता है, तो आइये जानते है की PCOS के लिए योगा में दंडासन योग कैसे किया जाता है:
कैसे करें [How To Do Dandasana (Staff Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
- सबसे पहले अपनी योग चटाई पर दोनों पैरो को एकदम सीधा कर के बैठ जाये।
- अब आप पैरो की उंगलियो को अंदर की ओर मौड़ने की कोशिश करे एवं अपने तलवो को बाहर की तरफ रखे।
- सुनिश्चित करे की आपकी पीठ बिल्कुल सीधी होनी चाहिए।
- आपके हाथ शरीर के नीचे की ओर होने चाहिए और अपनी हथेलियों को फर्श पर स्थिर रखें।
- अब जमीन को हल्के हाथों से दबाकर रीढ़ को लंबा और सीधा करने की कोशिश करें।
- सिर को नीचे झुकाएं और अपनी नाक पर दृष्टि केंद्रित करें। कंधों को बिल्कुल भी मजबूर न करें, कंधों को शिथिल रखे।
- अपनी छाती को ऊपर उठाएं और गहरी सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
- इस मुद्रा को लगभग 20 सेकंड से 1 मिनट के लिए बनाये रखे।
- अंत में इस मुद्रा से बाहर आओ पैरों को अलग करें, अपने हाथों को फर्श पर रखें, और पूरे शरीर को आराम दें।
- आप 5 बार श्वास लेने के बाद इस मुद्रा से बाहर आ सकते हैं।
- आसन से बाहर आने के लिए, साँस छोड़ते समय अपने हाथों और सिर को ऊपर उठाएँ और फिर पैरों को भी आराम दें।
5. सर्वांगासन योग [Sarvangasana (Shoulder Stand Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
PCOS के लिए योगा में सर्वांगासन योग कैसे लाभदायक है:
यह योग आसन पूरे शरीर को लाभ पहुंचाता है, लेकिन यह अंडाशय के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। यह अंतःस्रावी ग्रंथियों (जैसे कि पीनियल, पिट्यूटरी, थायरॉयड और पैराथायरायड ग्रंथियों) पर भी कार्य करता है और हार्मोन को संतुलित करने में उनकी मदद करता है।
ये सभी लाभ सर्वांगासन को PCOS के लिए एक बहुत अच्छा योग आसन बनाते हैं। तो आइये जानते है की PCOS के लिए योगा में सर्वांगासन योग कैसे किया जाता है:
कैसे करें [How To Do Sarvangasana (Shoulder Stand Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
- सबसे पहले स्वच्छ खुले वातावरण में एक योग मैट बिछा लें।
- जिससे इस आसन को करते समय शरीर को स्वच्छ ऑक्सीजन मिले।
- अब इस आसन को करने के लिए योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
- दोनों हाथ और पैर सीधे जमीन पर होने चाहिए।
- हथेलियों को जमीन की तरफ रखें ,और दोनों पैर एक दूसरे से सीधे सटे होने चाहिए।
- अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए दोनों पैरों, कूल्हों और कमर को धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठाएं।
- अब अपनी कमर और पीठ को ऊपर की ओर उठाने के लिए दोनों हाथों की कोहनी को जमीन पर रखें और हथेलियों से अपनी कमर को सहारा दें।
- ध्यान रहे कि इसको करते समय आपके दोनों पैर सीधे रहें, अपने घुटनों को मोड़ने न दें।
- इस आसन में शरीर का पूरा भार कंधों और सिर पर होगा।
- इसे करते समय ठोड़ी को छाती से स्पर्श कर के रखें।
- अपने कंधे से कोहनी तक के क्षेत्र को जमीन के करीब रखें और अपने चेहरे को आकाश या पैरों के अंगूठे की ओर रखें।
- अपने शरीर को स्थिर करें और अपनी क्षमता के अनुसार कुछ देर तक इस मुद्रा में बने रहें।
- सांस को सामान्य रखें।
- सर्वांगासन से बाहर आने के लिए, कमर और पैरों को धीरे-धीरे नीचे लाएं और अपने हाथों को जमीन पर रखें।
- अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
(यह भी पढ़े – बालों के लिए योगा – Balo Ke Liye Yoga [9 Effective Yoga For Hair Fall in Hindi])
6. भुजंगासन योग [Bhujangasana (Cobra Pose)] Yoga For PCOS in Hindi]:
PCOS के लिए योगा में भुजंगासन योग कैसे लाभदायक है:
यह सूर्य नमस्कार का सातवाँ पोज़ है। भुजंगासन स्वाधिष्ठान चक्र पर काम करता है। भुजंगासन कुंडलिनी (प्राण ऊर्जा जो सभी जीवन की मुख्य प्रेरक शक्ति है; शाब्दिक शब्दों में, यौन ऊर्जा) को सक्रिय करने के लिए अद्भुत है, जिससे PCOS के लक्षणों को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है। तो आइये जानते है की PCOS के लिए योगा में भुजंगासन योग कैसे किया जाता है:
कैसे करें [How To Do Bhujangasana (Cobra Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
- सबसे पहले योग मेट बिछा कर उस पर पेट के बल लेट जाएं।
- अपने पैरों को उंगलियों के बल टिका लें या पैर के तलवो को उपर छत की ओर करके रखें।
- अपने पैरों को एकसाथ सीधा और खुला रखें।
- हाथों की हथेलियों को छाती के पास कंधों या सिर के दोनों तरफ रखें।
- अपने मस्तक या माथे को जमीन पर सीधा रखें।
- अब आपको एक गहरी सांस लेते हुए, अपने ऊपरी शरीर को ऊपर की ओर उठाना है।
- आपको पहले सिर, फिर छाती और अंत में नाभि तक के क्षेत्र को ऊपर उठाना होगा।
- इसके लिए अपनी हाथों की हथेलियों को अपने कंधों के बराबर रखते हुए, हाथों से जमीन की ओर दबाव डाल कर नाभि तक के शरीर को ऊपर उठाने का प्रयास करें।
- अब दोनों हाथों को सीधा करें और गर्दन उठाते हुए आकाश की ओर देखने का प्रयास करें और 15-30 सेकेंड के लिए इसी स्थिति में रहें।
- अपने शरीर का भार दोनों हाथों पर बराबर बना कर रखें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
- ध्यान रहे की आपके पेट या नाभि से नीचे शरीर का सारा हिस्सा जमीन से नहीं उठना चाहिए।
- आराम से पीठ को जितनी मोड़ सकें उतनी ही मोड़ें, जबरदस्ती या क्षमता से ज़्यादा जोर ना लगाए।
- अब धीरे-धीरे अपनी सांस छोड़ें और अपनी प्रारंभिक अवस्था में लौट आएं।
7. धनुरासन योग [Dhanurasana (Bow Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
PCOS के लिए योगा में धनुरासन योग कैसे लाभदायक है:
धनुरासन मासिक धर्म की परेशानी को दूर करने, प्रजनन अंगों को उत्तेजित करने और मासिक धर्म के प्रवाह को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। “यह श्रोणि क्षेत्र में परिसंचरण को बढ़ाता है और गर्दन, कंधे और पैरों की मांसपेशियों को भी फैलाता हैं।
कुल मिलाकर, यह चिंता में सुधार और तनाव को कम कर सकता है। तो आइये जानते है की PCOS के लिए योगा में धनुरासन योग कैसे किया जाता है:
कैसे करें [How To Do Dhanurasana (Bow Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
- धनुरासन करने के लिए, सबसे पहले, एक साफ हवादार जगह चुनें।
- उसके बाद अपनी योग चटाई बिछाकर पेट के बल लेट जाएं। अपने नितंबों के बीच गैप रखें और दोनों हाथों को सीधा रखें।
- अपने घुटनों को मोड़ते हुए सांस छोड़ें, अपनी एड़ी को अपने नितंबों के जितना करीब लाएं। और धनुषाकार होते हुए, अपनी एड़ियों को अपने हाथों से पकड़ें।
- अब अपनी छाती को सांस लेते हुए जमीन से ऊपर ले जाएं।
- अब पैरों को थोड़ा और ऊपर उठाएं और सांस लेते हुए अपनी एड़ियों को हाथ से खींचने की कोशिश करें।
- इस दौरान, आपके घुटने आपके कूल्हों की चौड़ाई से अधिक चौड़े नहीं होते हैं।
- एड़ियों को खींचते समय पेट के वजन का संतुलन बनाए रखें और सिर को बिल्कुल सीधा रखें।
- आपके शरीर के लचीलेपन के आधार पर, आप अपने शरीर को आगे बढ़ा सकते हैं।
- इस धनुषाकार मुद्रा का प्रदर्शन करते हुए सांस लेने और छोड़ने पर ध्यान दें।
- जब तक संभव हो इस स्थिति में रहें।
- प्रारंभिक अवस्था में वापस आने के लिए, धीरे-धीरे शरीर की मांसपेशियों को ढीला छोड़े और अपनी नितंबों और जांघों को जमीन की ओर लाएं।
- अब शरीर के सामने के हिस्से को जमीन पर लाएं।
- इसके बाद, दोनों हाथों से एड़ी को छोड़ दें और अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
(यह भी पढ़े – बवासीर के लिए योग – Bawasir Ke Liye Yoga (9 Effective Yoga For Piles in Hindi))
8. पश्चिमोत्तानासन [Paschimottanasana (Seated Forward Bend Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
PCOS के लिए योगा में पश्चिमोत्तानासन योग कैसे लाभदायक है:
पश्चिमोत्तानासन PCOS के दुष्प्रभावों से निपटने में मदद करता है। ज्यादातर महिलाओं को जिन्हें PCOS होता है, उनका वजन कम करना मुश्किल होता है, पश्चिमोत्तानासन इसका एक सहायक उपाय है। तो आइये जानते है की PCOS के लिए योगा में पश्चिमोत्तानासन योग कैसे किया जाता है:
कैसे करें [How To Do Paschimottanasana (Seated Forward Bend Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
- अपने पैरों को सामने फैलाकर बैठें, रीढ़ को सीधा रखें, और अंगुलिया तनी हुयी होनी चाहिए।
- सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाएं और खींचे।
- अब साँस छोड़ते हुए, अपने नितम्ब के जोड़ से आगे झुकने का प्रयास करे अब जहां तक आपसे संभव हो अपने शरीर को आगे की और झुकाए और अपनी दृष्टि को पंजो की ओर केन्द्रित करे।
- आखिरी स्टेप में आपको अपने दोनों हाथों को पैरों के तलवों और नाक को घुटनों तक चुने का प्रयास करे, जितना आप से हो सके उतना की खिचाव डाले।
- शुरू में 5 सेकंड तक ऐसा करें और धीरे-धीरे तब तक आसन में बने रहने की कोशिश करें जब तक आप सहज महसूस न कर लें।
- साँस लें और अपनी शुरुवाती स्थिति में लौट जाए।
- यहाँ एक चक्र पूरा हुआ। शुरुवात में 30-60 सेकंड के लिए करें। स्वास्थ्य लाभ के लिए हर दिन 3 – 5 मिनट पर्याप्त है।
9. सूर्य नमस्कार योग [Surya Namaskar (Sun Salutation Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
PCOS के लिए योगा में सूर्य नमस्कार योग कैसे लाभदायक है:
यह विशेष रूप से पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (PCOS) से पीड़ित किसी भी महिला के लिए प्रभावी है जो आज की महिलाओं में एक आम बीमारी है। यह वजन कम करने में आपकी मदद करने के अलावा, मासिक धर्म चक्र को नियमित करने में उपयोगी होता हैं। तो आइये जानते है की PCOS के लिए योगा में सूर्य नमस्कार योग कैसे किया जाता है:
कैसे करें [How To Do Surya Namaskar (Sun Salutation Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
प्रणामासन (PCOS Ke Liye Yoga Pranamasana – The Prayer Pose):
सूरज की ओर चेहरा करके सीधे खड़े हो जाये और दोनों को पैरों को आपस में मिलाएं, कमर को सीधी रखें। अब अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाते हुए गहरी साँस लें अब हाथों को छाती के पास लाएं और दोनों हथेलियों को मिलाएं और प्रार्थना प्रणाम की स्थिति बनाएं और जब आप उन्हें एक साथ नमस्कार मुद्रा में लाएँ तब साँस छोड़ें।
हस्तउत्तनासन (PCOS Ke Liye Yoga Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose) :
पहली अवस्था में ही खड़े रहकर अपने हाथों को सिर के ऊपर पीछे की ओर उठाएं और धीरे-धीरे श्वास लें और अपने बाइसेप्स को कानों के करीब लाएं, इससे पूरे शरीर में खिंचाव होना चाहिए। अब प्रणाम की अवस्था में हाथों को पीछे ले जाते हुए शरीर को भी पीछे की ओर ले जाएं। इस मुद्रा या आसन को अर्ध चंद्रासन भी कहा जाता है।
पादहस्तासन (PCOS Ke Liye Yoga Padahastasana – Standing Forward Bend) :
अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकते हुए अपने हाथों से पैरों के पंजों को स्पर्श करें।
शुरुआती लोगों के लिए टिप (Tip to Beginners) : हथेलियों को पैरों के पंजों को स्पर्श कराने के लिये आप घुटनों को मोड़ सकते हैं, यदि आवश्यक हो।
अश्व संचालनासन (PCOS Ke Liye Yoga Ashwa Sanchalanasana – Equestrian Pose) :
धीरे-धीरे साँस लेते हुए, एक पैर को जहाँ तक संभव हो पीछे की ओर ले जाएं, और दुसरे पैर को घुटने से मोड़ते हुए छाती के पास लाए, और पीछे वाले पैर का घुटना फर्श से मिलना चाहिए। हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें और ऊपर आसमान की ओर देखें।
दंडासन (PCOS Ke Liye Yoga Dandasana – Staff Pose) :
अब सांस छोड़ते हुए अपने दुसरे पैर को भी पीछे की ओर लेकर आए और अपने पेरो और पूरे शरीर को एक सीध में लाएं, एवं अपने ऊपरी शरीर को अपनी हथेलियों पर संतुलित करें।
अष्टांग नमस्कार (PCOS Ke Liye Yoga Ashtanga Namaskara – Eight Limbed pose or Caterpillar pose)
अब सांस लेते हुए धीरे धीरे अपने घुटनों को फर्श पर ले आएं, कूल्हों को थोड़ा पीछे ले जाएं, आगे स्लाइड करें, अपनी छाती और ठोड़ी को फर्श पर टिकाएं। दो हाथ, दो पैर, दो घुटने, छाती और ठुड्डी (शरीर के आठ भाग) फर्श को छूना चाहिए।
भुजंगासन (PCOS Ke Liye Yoga Bhujangasana – Cobra Pose) :
अब अपने हाथो की हथेलियों और पेट को जमीन से मिलाते हुए सिर और गर्दन को जितना संभव हो सके ऊपर की ओर उठाते हुए पीछे की ओर ले जाएं।
अधोमुख शवासन (PCOS Ke Liye Yoga Adho Mukha Svanasana – Downward-facing Dog Pose) :
इसके अभ्यास के लिए आपको साँस छोड़ते हुए, शरीर को एक उल्टे ’V’ मुद्रा में लाना है, इसके लिए अपने पैरों को जमीन पर सीधा रखें और कूल्हे और टेलबोन को ऊपर की ओर उठाएँ यदि संभव हो, तो एड़ी को ज़मीन पर रखने की कोशिश करें एवं कंधों को सीधा और सिर को हाथो के अंदर की ओर रखें।
अश्व संचालनासन (PCOS Ke Liye Yoga Ashwa Sanchalanasana – Equestrian Pose) :
धीरे-धीरे सांस लेते हुए, अब एक बार फिर से अश्व संचालनासन मुद्रा में आए लेकिन इस बार दुसरे पैर को पीछे की की ओर ले जाएं, और दुसरे पैर को घुटने से मोड़ते हुए छाती के पास लाए, पीछे वाले पैर का घुटना फर्श से मिलना चाहिए। हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें और ऊपर आसमान की ओर देखें।
पादहस्तासन (PCOS Ke Liye Yoga Padahastasana – Hand Under Foot Pose) :
अश्व संचालनासन मुद्रा से वापस सामान्य स्थिति में आने के पश्चात अब वापस पादहस्तासन की मुद्रा में आएं और धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकते हुए अपने हाथों से पैरों के पंजों को स्पर्श करें।
हस्तउत्तनासन (PCOS Ke Liye Yoga Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose) :
पादहस्तासन मुद्रा से बहार आने के बाद एक बार फिर से हस्तउत्तनासन मुद्रा में आए, इसके लिए पहली अवस्था में ही खड़े रहकर अपने हाथों को सिर के ऊपर पीछे की ओर उठाएं और धीरे-धीरे श्वास लें और अपने बाइसेप्स को कानों के करीब लाएं, और एक बार फिर से प्रणाम की अवस्था में हाथों को पीछे ले जाते हुए शरीर को भी पीछे की ओर ले जाएं।
प्रणामासन (PCOS Ke Liye Yoga Pranamasana – The Prayer Pose):
हस्तउत्तनासन आसन से सामान्य स्थिति में लौटने के बाद, एक बार फिर, सूरज की ओर चेहरा करके सीधे खड़े हो जाये और प्रणामासन को दोहराए।
(यह भी पढ़े – मंडूकासन करने का तरीका और फायदे [Mandukasana (Frog Pose) Steps And Benefits in Hindi])
10. भारद्वाजासन योग [Bharadvajasana (Seated Twist Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
PCOS के लिए योगा में भारद्वाजासन योग कैसे लाभदायक है:
भारद्वाजासन ब्लड प्रेसर को संतुलित करने में मदद कर सकता है। यह तनाव की स्थिति को कुछ हद तक कम कर सकता है। साथ ही, मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं को भी इस योग आसन द्वारा कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है। तो आइये जानते है की PCOS के लिए योगा में भारद्वाजासन योग कैसे किया जाता है:
कैसे करें [How To Do Bharadvajasana (Seated Twist Pose) Yoga For PCOS in Hindi]:
- भारद्वाजासन योग के अभ्यास के लिए, अपनी योग चटाई फैलाएं और उस पर दंडासन मुद्रा में बैठ जाए।
- इस मुद्रा में बैठने के बाद पैरों को सामने की ओर और बाजुओं को सीधा रखें।
- फिर घुटनों को बाईं ओर मोड़ें। सुनिश्चित करें कि आपका सारा वजन दाये कूल्हे पर हो।
- अब अपने दाएं पैर की एड़ी को बाएं पैर की जांघ पर रखें।
- फिर गहरी सांस लें और रीड की हड्डी को सीधा करें। फिर, धीरे-धीरे साँस छोड़ते हुए, कमर से सिर तक ऊपरी शरीर को दाईं ओर मोडे।
- इस स्थिति में, आपका बायाँ कूल्हा फर्श पर शरीर के भार को दबाता है।
- अब अपने उल्टे हाथ को बाएं घुटने पे रखें।
- सांस के साथ, रीड की हड्डी को सीधा करें और शरीर को मोड़ें।
- अपने सिर को बाईं ओर मोड़ें और अपने बाएं कंधे पर देखें।
- अब कुछ देर इसी स्थिति में रहें। और पांच से दस गहरी, आरामदायक सांसें लें (जब तक आरामदायक हो)।
- अब वापस धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट आए। अब आपको वापस उसी प्रक्रिया को दूसरी तरफ दोहराए।
PCOS के लिए योग करते समय बरती जाने वाली सावधानियां (Precautions To Be Taken While Doing Yoga For PCOS in Hindi):
योग के बहुत सारे स्वास्थ्य लाभ होते हैं, परन्तु जब आप योग का अभ्यास करना शुरू करते हैं तब आपको सावधान रहना चाहिए, खासकर यदि आप योग में एक नौसिखिया हैं। हालांकि यह एक उच्च-तीव्रता या उच्च-प्रभाव वाला व्यायाम नहीं हो सकता है, इसके लिए बहुत अधिक लचीलेपन की आवश्यकता होती है।
जब आप योग करते हैं तो आपके शरीर के सभी जोड़ों और मांसपेशियों पर काम किया जाता है, इसलिए यदि आपको योग करने की आदत नहीं है, तो दर्द और ऐंठन से सावधान रहें! PCOS के लिए योग का उपयोग करते समय आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए, जो यहाँ निचे दर्शायी गयी है।
- हमेशा योग मैट का उपयोग करें: यह सभी आसनों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जिसमें आपको फर्श पर बैठने की आवश्यकता होती है। यदि आप योग चटाई नहीं खरीदना चाहते हैं, तो आप मोटे कंबल या कालीन पर वर्क-आउट कर सकते हैं। बस सुनिश्चित करें कि यह दृढ़ता से एक जगह टिका हो ताकि यह स्थानांतरित न हो (फिसलने और गिरने से रोकने के लिए)।
- स्ट्रेचेबल कपड़े पहने: योग करते समय विशेषकर योग पैंट का उपयोग करें। योग आपके शरीर के लचीलेपन को बेहतर बनाने में आपकी मदद करेगा। लेकिन अगर आपके कपड़े तंग होंगे, तो आप झुक और मुड़ नहीं सकते हैं!
- हमेशा अपने शरीर को सुनो: यदि आप एक आसन पूरी तरह से करने में असमर्थ हैं, तो अपने आप को जबरदस्ती न धकेले। यह विचार है कि पहले अपनी मांसपेशियों और शरीर को एक निश्चित तरीके से हर दिन अभ्यास करके, झुकने, खींचने की आदत डालें और फिर धीरे-धीरे अपने आप को सही मुद्रा प्राप्त करने की ओर धकेलें।
- मधुर संगीत का उपयोग करें: योग केवल आपके शारीरिक आत्म पर ध्यान केंद्रित करने के लिए नहीं है, बल्कि आपके मानसिक और भावनात्मक आत्म पर भी है। मधुर संगीत का उपयोग करने से आपको योग में मन लगेगा। जप का संगीत भी एक अच्छा विकल्प है।
- योग सत्र से पहले भारी कसरत न करें: जबकि यह किसी भी तरह की कसरत के लिए सही है, योग करते समय यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि बहुत सारे आसन आपके पेट पर दबाव डालेंगे। पूर्ण पेट पर उन्हें करने का प्रयास करने से ऐंठन, मतली और उल्टी आदि भी हो सकता है।
- पानी पीना न भूलें: योग भले ही आपको ‘पसीना’ न दे, लेकिन फिर भी आपके शरीर को हाइड्रेट रखना महत्वपूर्ण है। सबसे अच्छी टिप जिसे आप यहाँ अपना सकते हैं: हर आसन के बाद दो घूँट पानी पीना।
हमेशा योग के आसन पहले करते हैं, फिर प्राणायाम, और फिर ध्यान। इन क्रम को आपस में मिलाएं नहीं।
आशा है इन सभी योगासनों को जान ने के बाद आपको कभी यह नहीं बोलना पड़ेगा की पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम PCOS के लिए योग (Yoga for PCOS in Hindi) क्या होते है।
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और अगर आपके घर परिवार में भी कोई पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम PCOS के लिए योग (Yoga for PCOS in Hindi) के बारे में जानना चाहते है तो आप उन्हें भी यह लेख भेजे जिस से उन लोगो को भी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम PCOS के लिए योग (Yoga for PCOS in Hindi) के बारे में पता चलेगा।
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