कब्ज के लिए योग [8 Effective Yoga For Constipation in Hindi]

आज के समय कब्ज हर किसी के लिए एक दैनिक मुद्दा बन गया है। कब्ज एक आम समस्या है जो किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है। कब्ज एक ऐसी समस्या या लक्षण है जिसमें  रोगी का पेट ठीक से साफ नहीं होता है और शौच के दौरान समस्या होती है।

कब्ज के कारण यक्ति का किसी काम में मन नहीं लगता और पेट साफ न होने के कारण आलस्य दिन भर बना रहता है। कब्ज की समस्या के कारण, मल को त्याग करने के लिए अधिक बल या जोर लगाना पड़ता है, और घंटों तक टॉयलेट में बैठे रहना पड़ता है। ऐसी स्थिति में कब्ज को दूर करने के लिए योगासन एक सुरक्षित तरीका हो सकता है।

इन योगासन के जरिए कब्ज को जड़ से खत्म किया जा सकता है परन्तु इसके लिए संतुलित आहार पर ध्यान देना भी आवश्यक है। कब्ज के लिए योग इस लेख में आप जानेगें की वो कोनसे योगासन हैं, जो आपको इस समस्या से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकते है।

Table Of Contents :

कब्ज क्या है? (What is Constipation in Hindi):

आयुर्वेद के अनुसार, हमारे शरीर का संतुलन वात, पित्त, कफ इन दोषों पर निर्भर है। इनमें से किसी के भी असंतुलन होने के कारण हमारा शरीर कई बीमारियों से घिर जाता है।

गलत आहार खान-पान और जीवनशैली में लापरवाही के कारण जब जठराग्नि (वह अग्नि जो आपके द्वारा किये गये भोजन को पचाने का काम करती है) धीमी हो जाती है और जिसकी वजह से भोजन सही समय पर या ठीक से पचता नहीं है। इसके कारण शरीर के दोष असंतुलित और दूषित हो जाते हैं और बीमारियां होती हैं।

कब्ज मुख्य रूप से वात दोष की विशेषता है, जिसके कारण मल सूखा और कठोर हो जाता है और मलत्याग कारने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

कब्ज होने के कारण (Constipation Causes in Hindi):

कब्ज होने का मूल कारण हमारी अस्वास्थ्यकर जीवनशैली है, वैसे तो कब्ज होने के कई कारण हैं, जो निम्न हैं जेसे की-

  • मैदा और तला हुआ मिर्च-मसालेदार भोजन करना।
  • कम पानी पीना या तरल पदार्थ का सेवन कम करना।
  • समय पर न खाना न खाना।
  • देर रात तक जागते रहना या रात को देर से भोजन करना।
  • चाय, कॉफी, तम्बाकू या सिगरेट का अधिक मात्रा में सेवन करना।
  • डिप्रेशन तनावपूर्ण जीवन जीना।
  • हार्मोन का असंतुलन या थायराइड की समस्या होना।
  • बड़ी मात्रा में या लंबे समय तक दर्द निवारक दवाओं का उपयोग।

कब्ज के लक्षण (Constipation Symptoms in Hindi):

  • पेट में दर्द और भारीपन या ऐंठन होना।
  • मल का सख्त और कठोर एवं सूखा होना।
  • मल त्यागने में दबाव होना।
  • छोटे या कठोर मल का पारित होना।
  • पेट फूला हुआ होना।
  • मुंह से दुर्गन्ध आना और मुंह में छाले होना भी एक आम लक्षण है।

कैसे कब्ज में लाभदायक है योग? (How Does Yoga Help with Constipation in Hindi):

योग हमारे शरीर को तरोताजा करता है और शरीर में रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाने में भी मदद करता है। कब्ज के कई कारण होते हैं, जैसे खराब जीवनशैली और सही समय पर भोजन नही करना।

कब्ज के दौरान आपको भोजन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। कुछ खाद्य पदार्थ हैं जो कब्ज से राहत देते हैं, जबकि कई ऐसे हैं जो कब्ज के दौरान बिल्कुल भी नहीं खाने चाहिए क्योंकि ये कब्ज को और बढ़ाते हैं।

खानपान के साथ-साथ एक और चीज जो कब्ज की समस्या से छुटकारा दिला सकती है वह है योग। यदि आप शरीर को सक्रिय रखते हैं, तो यह कब्ज को खत्म करने में मदद करेगा। नियमित रूप से भरपूर फाइबर के खानपान के साथ योग करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। तो आइये जानते है कब्ज के लिए योग क्या है-

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कब्ज दूर करने के लिए योगासन (Yoga poses for constipation in Hindi):

क्या आप भी कब्ज से परेशान हैं और कब्ज की समस्या का उपचार ढूंड रहे हैं? आज हम आपके लिए यह लेख लाये है जिसमे आप जानेगें की वें कौन-कौन से कब्ज के लिए योग हैं जो कब्ज की समस्या को दूर करने में आपकी मदद कर सकते हैं, तो चलिए जानते है कब्ज के लिए योग कौन कौन से हैं-

  • पवनमुक्तासन योग [Pawan Muktasana(Wind-Relieving Pose)]
  • अर्ध मत्स्येन्द्रासन योग [Ardha Matsyendrasana (Half Lord of the Fishes Pose)]
  • मयूरासन योग [Mayurasana (Peacock Pose)]
  • हलासन योग [Halasana (Plow Pose)]
  • बालासन योग [Balasana(Child Pose)]
  • उत्तानपादासन योग [Uttanapadasana (Raised Leg Pose)]
  • तितली आसन योग [Titali Asana (Butterfly Pose)]
  • सुप्त मत्स्येन्द्रासन योग [Supta Matsyendrasana (Supine Spinal Twist Pose)]

1. कब्ज के लिए योग में फायदेमंद है पवनमुक्तासन योग [(Wind-Relieving Pose) Pawan Muktasana Yoga for Constipation in Hindi]:

कब्ज के लिए योग - Kabj ke liye yoga in hindi - Yoga for Constipation in hindi
कब्ज के लिए योग (Yoga for Constipation in Hindi)

कब्ज के लिए योग में पवनमुक्तासन योग कैसे लाभदायक है: पवनमुक्तासन कब्ज के लिए योग है, जो कब्ज में आराम दिला सकता है। जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया था की कब्ज की समस्या का तनाव भी एक सामान्य कारण है।

पवनमुक्तासन को रोजाना करने से आप डिप्रेशन मुक्त रहते हैं और इस से तनाव का खतरा भी कम होता हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।

जब आप इस आसन का अभ्यास करते है तब पेट और अन्य इंद्रियों पर दबाव पड़ता है जिससे पेट की मालिश होती है। नतीजतन, यह आसन पेट से हवा निकालता है और पाचन क्रिया को अच्छा बनाए रखता है।

कैसे करें:

  • सबसे पहले अपनी योग चटाई पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं।
  • अपने घुटनो को मोड़ें और अपनी जाँघों को छाती की ओर लाएँ।
  • घुटनों के ठीक नीचे दोनों हाथों की उंगलियों को एक-दूसरे से आपस में फंसा कर पकड़ें ले।
  • अब “पवनमुक्तासन” अथार्त  एक गहरी श्वास भर कर बहार छोड़ें।
  • अब सांस छोड़ते हुए हुए दोनों घुटनों को दबा कर जितना संभव हो सके छाती की तरफ लाएं।
  • अपने सिर को जमीन से ऊपर उठाएं और नाक को घुटने से छूने का प्रयास करेंगे।
  • अब 30 सेकेंड तक इसी मुद्रा में थोड़ी देर रुके रहें और लंबी गहरी साँसे लेते रहें।
  • अपने पैरों को खिंच कर रखे और एड़ियो को कुल्हे से लगा कर पैरों के पंजो को निचे की तरफ तने हुए रखें।
  • फिर धीरे-धीरे साँस छोड़ते हुए सिर और पैरों को पहले की स्थिति में लाएं।

2. कब्ज के लिए योग में लाभदायक है मत्स्येन्द्रासन योग [(Half Lord of the Fishes Pose) Ardha Matsyendrasana Yoga for Constipation in Hindi]:

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कब्ज के लिए योग (Yoga for Constipation in Hindi)

कब्ज के लिए योग में अर्ध मत्स्येन्द्रासन योग कैसे लाभदायक है: अर्ध मत्स्येन्द्रासन योग आपके पेट को मजबूत और टोन करता है। जिसके कारण यह पाचन को सुधारने के साथ-साथ शरीर से गंदगी को भी खत्म करने में मदद करता है।

यह आपके पेट के आंतरिक अंगों को भी साफ करता है। यह योग आपके शरीर के ऊतकों और अंगों से अतिरिक्त विषाक्त पदार्थों और गर्मी को बाहर निकालती है।

कैसे करें:

  • एक योग चटाई बिछाकर दंडदान में बैठें जायें।
  • हल्के हाथों से जमीन को दबाते हुए सांस लें, और अपने शरीर को बाईं ओर मोड़ते हुए अपनी रीढ़ को लंबा करें।
  • बाएं पैर को मोड़कर बाएं पैर को दाएं घुटने से ऊपर लाकर जमीन पर लाएं।
  • दाएं पैर को मोड़ें और पैर को आराम से बाएं कूल्हे के पास जमीन पर रखें।
  • दाएं हाथ को बाएं पैर के ऊपर लाएं और बाएं पैर के पंजे को पकड़ें।
  • साँस छोड़ते समय धड़ और गर्दन को जितना हो सके मोड़ें और अपने बाएं कंधे पर फोकस करें।
  • अपनी रीढ़ में मोड़ को गहरा करने के लिए अपने कूल्हों को चौकोर रखने की कोशिश करें।
  • बाएं हाथ को जमीन पर आराम दें और सामान्य रूप से साँस लें।
  • 30-60 सेकंड के लिए आसन में रहें एवं आसन से बाहर निकलने के लिए सभी चरणों को रिवर्स क्रम में करें।
  • इन सभी चरणों को दूसरी तरफ भी दोहराएं।

3. कब्ज के लिए योग में मयूरासन योग आजमाए [(Peacock Pose) Mayurasana Yoga for Constipation in Hindi]:

कब्ज के लिए योग - Kabj ke liye yoga in hindi - Yoga for Constipation in hindi
कब्ज के लिए योग (Yoga for Constipation in Hindi)

कब्ज के लिए योग में मयूरासन योग कैसे लाभदायक है: मयूरासन योग कब्ज के लक्षणों को भी कम करता है। मयूरासन योग पेट की मांसपेशियों को टोन करता है।

प्लीहा, पित्ताशय की थैली, गुर्दे, लीवर, एवम पेट के अंगों को मजबूत करता है। और शरीर प्रणाली को भी प्रसारित करता हैं। पाचन तंत्र को टोन करने में मयूरासन अधिक फायदेमंद है।

कैसे करें:

  • मयूरासन का अभ्यास करने के लिए, सबसे पहले आप एक योग चटाई ले और उस पर घुटनों के बल बैठ जाएं।
  • पंजे एक साथ रखें और घुटनों को एक दूसरे से अलग रखें।
  • अपने हाथों को फर्श पर अपनी उंगलियों के साथ अपने शरीर के पीछे की ओर रखें और हथेलियों को फर्श पर दबाएं।
  • अपनी सुविधा और लचीलेपन को ध्यान में रख कर अपने हाथों की स्थिति को जमीं पर  व्यवस्थित कर लें और कंधो और कोहनियों को एक साथ रखें।
  • अपनी कोहनी को एक समकोण की ओर थोड़ा मोड़ें। ऊपरी बाहों पर सामने की ओर आराम करें, और कोहनी को नाभि के किनारो पर रखें।
  • अपने पेट को अपनी कोहनी पर दबाएं और अपने माथे को फर्श पर टिकाएं।
  • अपने घुटने को सीधा करें, अपने दोनों पैरों को अपने पीछे फैलाएं।
  • फर्श से अपना सिर उठाएं।
  • इस स्थिति में, अपने पूरे शरीर को ऊपर उठाएं, पेट की मांसपेशियों पर कोहनी और शरीर के भार को पूरी तरह से हथेलियों द्वारा संतुलित करे।
  • समान रूप से 3 या 5 सांस, या लगभग 10 सेकंड के लिए सांस लें। जैसा कि आप अभ्यास करते हैं, आप धीरे-धीरे इस समय को 50 सेकंड तक बढ़ा सकते हैं।
  • इस मुद्रा से बाहर आने के लिए धीरे-धीरे अपने सिर और पैरों को फर्श पर ले जाएं, अपने घुटनों को मोड़ें, और अपने धड़ को अपनी बाहों से ऊपर उठाएं। और बालासन (बाल मुद्रा) और अधोमुख श्वानासन (डाउनवर्ड फेसिंग डॉग) में आराम करें।

4. कब्ज के लिए योग में हलासन योग है लाभकारी [(Plow Pose) Halasana Yoga for Constipation in Hindi]:

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कब्ज के लिए योग (Yoga for Constipation in Hindi)

कब्ज के लिए योग में हलासन योग कैसे लाभदायक है: एक खराब पाचन कब्ज, एसिडिटी, अपच आदि विभिन्न समस्याओं को जन्म देता है। ऐसे में  हलासन योग करने से पाचन तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

यह एसिडिटी, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं के लिए फायदेमंद है। यह आसन पाचन शक्ति को बढ़ाता है और भूख से संबंधित समस्याओं को भी दूर करता है, ताकि आप पेट की समस्याओं से बचे रहें। यह योगासन पाचन तंत्र को कोमल मालिश देता है।

भोजन को उचित रूप से आत्मसात करने के लिए पेट को मजबूत करता है और पेट के विभिन्न विकारों से राहत प्रदान करती है। यह अल्सर कोलाइटिस कब्ज की बीमारी के इलाज में भी कारगर है।

कैसे करें:

  • सबसे पहले, स्वच्छ वातावरण में एक योग चटाई बिछा लें और उस पर सीधे लेट जाएँ।
  • अपनी भुजाओं को शरीर से सटा कर अपने बगल में जमीं पर लिका कर रखें लें।
  • हाथो की हथेलियों की दिशा निचे जमीन की ओर कर के रखें।
  • श्वास अंदर लेते हुए पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर की ओर उठाएं।
  • यदि पैरों को उठाने में कठिनाई होती है, तो आप हाथों से कमर को सहारा दे सकते हैं।
  • ध्यान रखे की पांव मुड़े हुये ना हों।
  • सांस को धीरे धीरे अन्दर लें और धीरे धीरे सांस छोड़े और सुनिश्चित करें कि आपका संतुलन सही है।
  • अब धीरे से सांस छोड़ते हुए पैरों को सीधा रखते हुए, धीरे-धीरे सिर के उपर से होते हुए पीछे की ओर ले जाएं।
  • इस स्धिती में पैर के अंगूठे से जमीन को छूने की कोशिश करें।
  • अब अपने हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर सीधा रखें।
  • हाथो की हथेलियों की दिशा निचे जमीन की ओर रहेंगी।
  • सामान्य गति से सांस लेते रहें और जितना संभव हो हलासन योग मुद्रा में बने रहने की कोशिश करें।
  • कुछ समय इस मुद्रा में रहने के बाद वापस सांस लेते हुए धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

5. कब्ज के लिए योग में फायदेमंद है बालासन योग [(Child Pose) Balasana Yoga for Constipation in Hindi]:

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कब्ज के लिए योग (Yoga for Constipation in Hindi)

कब्ज के लिए योग में बालासन योग कैसे लाभदायक है: बालासन को पेट संबंधित विकारों को दूर करने के लिए जाना जाता है जिसमें कब्ज का इलाज भी शामिल है। बालासन को “आराम मुद्रा” भी कहा जाता है क्योंकि यह शरीर को राहत देता है और थकान दूर करने में मदद करता है।

इस आसन को करने के दौरान सांस लेने और छोड़ने से एक प्रकार की शांति मिलती है और तनाव व क्रोध कम होता है। जिसके कारण बालासन के फायदे कब्ज और गैस से राहत दिलाने में मदद करते है।

कैसे करें:

  • बालासना/बच्चे की मुद्रा करने के लिए अपनी योग चटाई पर बैठें।
  • वज्रासन में अपने घुटनों के बल बैठ जाएं। इस मुद्रा में, अपने हाथो को जांघों पर रखे।
  • अपने पैरों के दोनों घुटनों को एक दूसरे से या थोड़ी दूरी पर एक-दूसरे से चिपका कर रखें और कमर को बिल्कुल सीधा रखें।
  • अब सांस लें, दोनों हाथों को सीधे सिर से ऊपर उठाएं। हथेलियों को न जोड़ें।
  • अब सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। ध्यान रखें कि कूल्हे के जोड़ों को झुकाना है, कमर के जोड़ों को नहीं।
  • जब तक आपकी हथेलियां जमीन को न छुएं तब तक आगे झुकते रहें।
  • अब सिर को जमीन पर ले जाएं।
  • अब आप जिस मुद्रा में है वह बालासाना/बच्चे की मुद्रा हैं, अब पूरे शरीर को रिलैक्स करने दे और फिर एक गहरी सांस लें और उसे छोड़े।
  • दोनों हाथों की उंगलियां कसकर जोड़ ले। आपको उनके बीच में अपना सिर रखकर उनका सहारा देना होगा।
  • अब सिर को धीरे-धीरे दोनों हथेलियों के बीच में रखें एवम अपनी सांस को सामान्य रखें।
  • अब आप 1 से 5 मिनट तक बालसन/बच्चे की मुद्रा में रह सकते है।
  • इस आसान से बाहर निकलने के लिए, सबसे पहले, अपनी हथेलियों को कंधे के नीचे लाएं और धीरे-धीरे अपने ऊपरी शरीर को उठाएं और पिछली स्थिति में वापस आ जाएं और आराम से सांस लें। इन सभी क्रियाओं को आराम से करें।

6. कब्ज के लिए योग में फायदेमंद है उत्तानपादासन योग [(Raised Leg Pose) Uttanpadasana Yoga for Constipation in Hindi]:

कब्ज के लिए योग

कब्ज के लिए योग में उत्तानपादासन योग कैसे लाभदायक है: उत्तानपादासन के सबसे अच्छे स्वास्थ्य लाभों में से एक है, यह पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है। विभिन्न अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि उत्तानपादासन के नियमित अभ्यास से पेट और आंतरिक आंत पर बहुत अधिक दबाव बनता है।

जिसके कारण हमारा शरीर हार्मोन बनाता है, जो पाचन तंत्र के कार्य को बढ़ावा देने में मदद करता है जो उचित आंत्र आंदोलन को बेहतर बनाता है और यह भी पाचन रस और एंजाइम के उत्पादन को बढ़ाता है।

जो भोजन को पचाने में मदद करता है और कब्ज को रोकने में मदद करता है। तो जो लोग खराब पाचन से  पीड़ित हैं वे बेहतर परिणामों के लिए नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास कर सकते हैं।

कैसे करें:

  • सबसे पहले योग मेट बिछा कर उस पर पेट के बल लेट जाएं।
  • दोनों पैरों को आपस में सटाकर रखें, पैरों के बीच ज्यादा दूरी नहीं होनी चाहिए।
  • अपने हाथों को शरीर के बगल में रखें।
  • हाथों की हथेली को नीचे फर्श पर अपने नितम्बो (कूल्हों) के पास रखें।
  • अब धीरे-धीरे सांस अन्दर लेते हुए अपने दोनों पैरों को ऊपर उठाएं।
  • आपको पैरो को 35 से 60 डिग्री तक ही उठाना है।
  • अपने शरीर को 20 से 30 सेकंड के लिए वहीं स्थिर रखें और पंजे को बाहर की तरफ खींचें।
  • ध्यान रखे की पैर ऊपर उठाते समय घुटनों को न मोड़ें।
  • इस मुद्रा से बाहर आने के लिए सांस छोड़ें और धीरे-धीरे अपने पैरों को फर्श से नीचे लाएं।
  • अपने दोनों हाथों को अपने शरीर के साथ रखें।
  • अपने पैर को सीधा रखें और एक गहरी सांस लें और कुछ सेकंड के लिये आराम करें।
  • इसे लगभग 3 – 5 बार दोहराएं।
  • उत्तानपादासन का अभ्यास एक पैर से भी किया जा सकता है। इस तरह अभ्यास के लिये पैरों को वैकल्पिक रूप से बारी बारी उपर उठाये।

7. कब्ज के लिए योग में आजमाए तितली आसन योग [(Butterfly Pose) Titali Asana Yoga for Constipation in Hindi]:

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कब्ज के लिए योग (Yoga for Constipation in Hindi)

कब्ज के लिए योग में तितली आसन योग कैसे लाभदायक है: तितली आसन के दैनिक अभ्यास से पेट के अंगों, प्रोस्टेट ग्रंथियों को उत्तेजित करने में मदद मिलती है।

यह आसन हमारे पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करता है और गैस, ऐंठन और पेट फूलने से भी छुटकारा दिलाता है। यह आसन तनाव को कम करने में भी मदद करता है जो अच्छे पाचन के लिए बेहद जरूरी है।

कैसे करें:

  • अपनी योग चटाई बिछाकर उस पर दंडासन में बैठे।
  • फिर अपने घुटनों को मोड़ें और पैरों के तलवों को एक दूसरे से मिलायें, और आप से जहाँ तक संभव हो अपनी एडियों को शरीर के करीब ले जायें।
  • जांघ की मांसपेशियों को पूरी तरह से आराम दें और अपने हाथों के साथ-साथ अपने पैरों को पकड़ें।
  • गहरी सांस लें। साँस छोड़ते हुए, अपने घुटनों को ऊपर-नीचे करें। जरूरत पड़ने पर घुटनों को दबाने के लिए कोहनी का इस्तेमाल करें।
  • अब दोनों पैरों को तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे करना या हिलाना शुरू करें।
  • घुटनों को नीचे ले जाते समय जमीन को छूने की कोशिश करें। लेकिन ध्यान रखें कि ऐसा करने के लिए बल प्रयोग न करें।
  • 30 से 50 बार टांगो को ऊपर निचे करें / लगभग दो से पांच मिनट के लिए इस मुद्रा को करें।

8. कब्ज के लिए योग में लाभकारी है सुप्त मत्स्येन्द्रासन योग [(Supine Spinal Twist Pose) Supta Matsyendrasana Yoga for Constipation in Hindi]:

कब्ज के लिए योग

कब्ज के लिए योग में सुप्त मत्स्येन्द्रासन योग कैसे लाभदायक है: यह पेट के अंगों के कामकाज के साथ-साथ पूर्ण रूप से डिटॉक्स करता है और उन्हें सुधारता है। इसे करने से शरीर के अंगों की अच्छी तरह से मालिश हो जाती है।

यह पेट के अंगों के समुचित कार्य के साथ पाचन में सुधार करता है जो कब्ज को कम करने में मदद करता है। जिससे आपकी कब्ज की समस्याए दूर होगी।

कैसे करें:

  • सुप्त मत्स्येन्द्रासन योगासन करने के लिए सबसे पहले अपनी योग चटाई पर लेट जाएं और अपनी पीठ के बल सीधे हो जाएं। पैरों को फर्श से, घुटनों और पैरों को एक साथ उठाएं और भुजाओं को इस तरह खोलें कि वे कंधों के साथ एक सीधी रेखा बनाएं।
  • अब साँस छोड़ते हुए; योग चटाई पर पीठ के निचले हिस्से को धीरे से और अपने पैरों को फर्श पर आराम से दबाएं।
  • अब, दाईं टाँग को घुटने से मोड़कर उसे ऊपर उठायें और दायें पैर को अपने बायें घुटने पर टिकाए।
  • इस स्थिति में, आपकी हथेलियाँ नीचे की ओर होनी चाहिए ताकि वे आपको अतिरिक्त सहायता दें।
  • उसके बाद, साँस ले; अपने पैरों को घुटनों से थोड़ा ऊपर लाएं। सुनिश्चित करें कि पैर और घुटने स्टैक्ड हैं।
  • इस स्थिति में, आपके घुटने कूल्हे के स्तर पर होने चाहिए, और एड़ी नितंबों से एक फुट दूर होनी चाहिए।
  • फिर, साँस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपने दायें कूल्हे को उठाते हुए, अपनी पीठ को बाईं ओर मोड़ ले और उसे अपने दायें घुटने के नीचे की ओर जाने दें। ऐसा करते वक्त आपके दोनो हाथ जमीन पर टिके रहने चाहिए।  
  • अब, धीरे-धीरे अपने सिर को अपने दाईं ओर मोड़ें।
  • इस आसन के दौरान, श्वास सामान्य होना चाहिए।
  • मुद्रा को जारी करने के लिए, कोशिश करें कि आपका दांया घुटना पूरी तरह से शरीर के बायीं तरफ टिक सके।
  • अब आप सुप्त मत्स्येन्द्रासन योग मुद्रा में है और इस मुद्रा को लगभग 30 से 60 सेकंड तक बनाए रखें।
  • आगे धीरे-धीरे अपने सिर को फिर से घुमाएं और अपने धड़ और पैरों को सीधा करें। फिर इस विधि को अपनी बाईं ओर भी दोहराएं।

कब्ज के लिए योग करने से पहले यह नोट जाने [Important Notes To Do Yoga For Constipation in Hindi]:

कब्ज के लिए योग करने से पहले इन बातो का खासतोर पर ध्यान रखे-

  1. एक अच्छे योग ट्रेनर की देखरेख में यहां बताए गए सभी योगासन करें।
  2. कब्ज की समस्या को इसके शुरुआती चरण में ही दूर किया जाना चाहिए। अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह एक खतरनाक श्रोणि रोगों और पेट के अन्य रोगों में बदल सकता है।
  3. कब्ज की समस्या को दूर करने के दौरान आपका खान पान अहम रोल निभाता है। सिर्फ कब्ज के लिए योग करने से आपको कब्ज से छुटकारा नहीं मिल पायेगा। इसके लिए आपको अपने आहार खान पान में भी बदलाव करना पड़ेगा। इसके लिये आपको अपने आहार में ताजा पत्तेदार सब्जियां और फल जैसे फाइबर से भरपूर चीजों को शामिल कर सकते हैं।
  4. इसके साथ साथ अपने भोजन को चबाकर खाना चाहिये ताकि वह आसानी से हजम और कब्ज की समस्या में राहत दिला पाए।
  5. आपको पानी का पर्याप्त सेवन करना चहिये क्योंकी ये आपकी कब्ज को दूर रखने में मदद करेगा।
  6. योग का नियमित अभ्यास शरीर और मन के विकास में मदद करता है, साथ ही इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं, लेकिन फिर भी इनको दवा का विकल्प नहीं समझना चाहिए।

आशा है इन सभी योगासनों को जान ने के बाद आपको कभी यह नहीं बोलना पड़ेगा की कब्ज के लिए योग (Yoga for Constipation in Hindi) क्या होते है।

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उम्मीद है आपको हमारा यह लेख कब्ज के लिए योग (Yoga for Constipation in Hindi) पसंद आया होगा ,अगर आपको भी कब्ज के लिए योग (Yoga for Constipation in Hindi) के बारे में पता है तो आप हमे कमेंट बॉक्स में लिख कर जरूर बताये।

और अगर आपके घर परिवार में भी कोई कब्ज के लिए योग (Yoga for Constipation in Hindi) के बारे में जानना चाहते है तो आप उन्हें भी यह लेख भेजे जिस से उन लोगो को भी कब्ज के लिए योग (Yoga for Constipation in Hindi) के बारे में पता चलेगा।

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