वज्रासन योग करने का तरीका, फायदे और सावधानियां [Vajrasana Yoga (Thunderbolt Pose) Steps and 15 Impressive Benefits in Hindi]

वज्रासन करने का तरीका और फायदे (Vajrasana Yoga (Thunderbolt Pose) Steps And Benefits in Hindi): वर्तमान समय में स्वस्थ रहने के लिए, योग न केवल भारतीयों की बल्कि विदेशियों की भी पहली पसंद बन गया है। यह हिन्दू योग गुरुओ द्वारा पुरे भारत से दुनिया भर में फैल चूका है।

प्राचीन शैली योग शरीर को बीमारियों और अन्य समस्याओं से बचाने के लिए प्रभावशाली साबित हो सकता है। योग किसी व्यक्ति को न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी स्वस्थ रखने में सहायक होता है। योग और प्राणायाम के विषयों पर कई बार वैज्ञानिक शोध भी हुए हैं, जिनमें इन को लाभकारी पाया गया है।

वैसे तो कई प्रकार के योग होते हैं लेकिन आज हम आपके लिए यह लेख लाये है, इस लेख में आप जानेगें की वज्रासन योग क्या है, वज्रासन योग कैसे करते है और वज्रासन योग के स्वास्थ्य लाभ एवं वज्रासन योग के फायदे क्या होते है और वज्रासन करने का सही तरीका क्या होता है, तो चलिए शुरू करते है।

वज्रासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां:

वज्रासन योग क्या है [What is Vajrasana Yoga (Thunderbolt Pose) in Hindi]:

वज्रासन (Vajrasana) से शरीर वज्र की तरह मजबूत व शक्तिशाली बनता है, इसलिए इसे वज्रासन कहा जाता है। हठयोग में इस आसन का बहुत महत्व है क्योंकि इस आसन को करने से आध्यात्मिक शक्ती का विकास होता है। इस आसन को स्त्री और पुरुष दोनों समान रूप से आसानी से कर सकते है।

वज्रासन शब्द मूल रूप से संस्कृत के दो शब्दों “वज्र” और “आसन” से मिलकर बना है। जहां संस्कृत में “वज्र” शब्द का अर्थ है “आकाशीय बिजली” एबं हमारी हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार “वज्र” को इंद्र देव का हथियार मना गया है जिससे यहाँ “वज्र” का अर्थ है “शक्ति” और “आसन” का अर्थ है “मुद्रा“। वज्रासन का अर्थ है – वह आसन जो शक्ति प्रदान करता है।

वज्रासन को थंडरबोल्ट पोज़, एडेप्टाइन पोज़, डायमंड पोज़, नोज़िंग पोज़ और पेल्विक पोज़ जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है।

यह आसन एक साधारण बैठने की मुद्रा है, जिसमे आपको अपने घुटने के बल बैठना होता है और फिर अपने पूरे शरीर का भार अपने घुटनों पर रखना होता है। इस आसन का अभ्यास करने से आपके शरीर के कई हिस्सों के लिए फायदेमंद होता है।

इस योग को करने से रीढ़ की हड्डी और कंधे सीधे होते हैं और शरीर में रक्त संचार सही होता है। इसके अभ्यास से आपको पाचन शक्ति बढ़ाने में मदद मिलती है।

इस आसन को करने से पाचन की समस्या जड़ से दूर हो जाती है। भोजन करने के बाद, वज्रासन में दस मिनट तक बैठे रहने से भोजन जल्दी पच जाता है। इसको करने से अपच, एसिडिटी, गैस, कब्ज दूर होती है। यह एकमात्र आसन है जो आप खाना खाने के बाद भी कर सकते हैं। तो चलिए विस्तार में जानते है वज्रासन करने का तरीका और फायदे क्या क्या होते है।

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वज्रासन योग के फायदे और लाभ [Benefits of Vajrasana Yoga (Thunderbolt Pose) In Hindi]:

  1. वज्रासन से शरीर की 72000 नाडीयां ठिक होती है, इस आसन का नाभि पर लाभकारी प्रभाव पड़ता हैं (जो कि 72000 नाडी का केन्द्र माना जाता है)।
  2. यह आसन पीलिया रोग और फेफड़े संबंधित रोग को ठीक करता है।
  3. इस आसन का नियमित अभ्यास आपको वेरिकोज वेन्स, ज्वाइंट पेन और गठिया जैसे रोगों से दूर रखने में सहायक है।
  4. इसके अलावा यह आसन मांसपेशियों से संबंधित समस्याओं को दूर करने में भी सहायक है।
  5. यह आसन शरीर में श्रोणि (पेल्विक) की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है।
  6. इस आसन से शरीर मजबूत होता है, और साथ ही यह आँखों की रोशनी को बढाता है।
  7. यह आसन पीठ को मजबूत करता है और पीठ के निचले हिस्से की समस्याओं और साइटिका से पीड़ित रोगियों को राहत देता है।
  8. यह हर्निया को रोकता है और बवासीर से राहत पाने में भी मदद करता है।
  9. यह आसन पाचन में सुधार करता है और इसके नियमित अभ्यास के साथ यह कब्ज को समाप्त करता है।
  10. बेहतर पाचन होने के कारण यह पेट संबंधित बीमारी जेसे अल्सर और एसिडिटी को रोकता है।
  11. महिलाओं के लिए वज्रासन उपयोगी आसन है क्योकि यह प्रसव पीड़ा को कम करने में मदद करता है और मासिक धर्म की ऐंठन को भी कम करता है।
  12. इस आसन का अभ्यास करने से सांस बेहतर होती है, जिससे चिंता और तनाव की समस्या दूर होती है। इस आसन के दौरान गहरी श्वास लेने और छोड़ने की क्रिया श्वास से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मददगार है।
  13. यह आसन अतिनिन्द्रा को दूर कर मन को एकाग्र करता है एवं स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।
  14. यह आसन (Vajrasana Yoga) कुन्डलिनी शक्ति को जागृत करने में भी लाभकारी होता है।
  15. इस आसन को करने से शरीर और त्वचा से टॉक्सिन्स (विषाक्त पदार्थ) बाहर निकल जाते हैं, जिससे त्वचा कोमल, चिकनी और चेहरे पर चमक आ जाती है।

वज्रासन योग करने से पहले यह आसन जरुर करें [Vajrasana Yoga (Thunderbolt Pose) Karne Se Pahle Ye Aasan Kare in Hindi]:

यहाँ निचे हमने बाबा रामदेव द्वारा बताया गया वज्रासन करने का सही तरीका [Baba Ramdev Vajrasana (Thunderbolt Pose) Step By Step Instructions in Hindi] बताया है जिसे आपको जरुर देखना चाहिए –

बाबा रामदेव द्वारा बताया गया वज्रासन योग करने का सही तरीका [Baba Ramdev Vajrasana Yoga (Thunderbolt Pose) Step By Step Instructions in Hindi]:

वज्रासन योग करने का तरीका व विधि [How To Do Vajrasana Yoga (Thunderbolt Pose) in Hindi]:

किसी भी आसन को करने के लिए आपको एक अच्छी जगह का चुनाव करना चाहिए जहां आप योग का अभ्यास करने में सहज महसूस करें। अपने आप को सहज महसूस कराना प्रारंभिक योग अवस्था है। आइए जानते हैं वज्रासन कैसे करें-

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वज्रासन करने का तरीका और फायदे [Vajrasana Yoga (Thunderbolt Pose) Steps and Benefits in Hindi]

  1. जमीन पर शरीर को सीधा करके घुटनों के बल बैठ जाएं।
  2. अपने पैरों के घुटनों को मोड़ें ओर निचले पैरों को पीछे की ओर खींचते हुए उन्हें एक साथ रखें।
  3. अब इस स्थति में आपके पैर की बड़ी उंगलियां ओर अंगूठे एक दूसरे से मिलने चाहिए और दोनों पैर की एड़ियां अलग-अलग होनी चाहिए ।
  4. अब घुटनों को मोड़कर इस तरह से बैठ जाए कि आपके नितंब (Hips) दोनों एड़ियों के बीच में आ जाएं, दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिले रहें और एड़ियों में अंतर भी बना रहे।
  5. अपने सिर और कमर को सीधा रखें।
  6. अब अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रखें और दृष्टि बिल्कुल सामने की ओर रखें।
  7. अपनी आंखें बंद कर लें और दिमाग को शांत रखें, और अपनी सांसों की गति पर ध्यान केंद्रित करे, इस बात का पूरा ध्यान रखें कि आप कैसे सांस ले रहे हो सांस आने और जाने पर बराबर ध्यान बनाए रखें।
  8. यदि आप योग करना शुरू कर रहे हैं, तो इसे शुरू में केवल 5–10 मिनट के लिए करें।
  9. इसके बाद इसमें अभ्यस्त हो जाने पर अपने समय को बढ़ाकर 20 से 30 मिनट तक कर सकते हैं।
  10. इस आसन का अभ्यास आपको जितना संभव हो उतना लंबे समय तक करना चाहिये – पाचन को बढ़ाने के लिए कम से कम 5 मिनट के लिए यह आसन अवस्य करें, खासकर भोजन करने के तुरंत बाद।

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वज्रासन के आसान रूपांतर [Easy Modification / Beginner’s Tips of Vajrasana Yoga (Thunderbolt Pose) in Hindi]:

यदि आपको वज्रासन मुद्रा असहज लगती है, तो अपने योग प्रशिक्षक से यह सुनिश्चित करने के लिए कहें कि आप इसे सही तरीके से कर रहे हैं। असुविधा को कम करने के लिए आप जिन कुछ तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं उनमें शामिल हैं:

टखने के दर्द के लिए– अपने पिंडली के नीचे एक मुड़ा हुआ कंबल या अन्य समान गद्दी लगाने पर विचार करें। इन को इस तरह रखें कि आपके पैर की उंगलियां पीछे से लटक जाएं।

बैठने की परेशानी के लिए– अपने पैरों के बीच क्षैतिज रूप से (horizontally) एक योग ब्लॉक रखें। यह अपके कुछ वजन का समर्थन करेगा और आपके टखनों और घुटनों से दबाव हटाने में काफी मदद करेगा।

घुटने के दर्द के लिए– अपने निचले पैरों की जांघों में एक मुड़ा या लपेटा हुआ कंबल या तौलिया अपने घुटनों के पीछे रखने पर विचार करें।

शुरुआती लोगो (Beginner’s) में वज्रासन (Vajrasana Yoga) के प्रारंभ में, वज्रासन में बेठने से थोड़े समय के बाद ही टखनों में दर्द हो सकता है।

अगर ऐसा होता है, तो आपको कुछ नहीं करना है केवल इसे ठीक करने के लिए आसन से बाहर आएं, पैरों को आगे बढ़ाएं और पैरों को तब तक हिलाएं जब तक कि कड़ापन या दर्द दूर ना हो जाए उसके उपरान्त आसन को पूर्ववत करें या फिर से शुरू करें।

इस योग की मुद्रा को थोडा आरादायक बनाने के लिए आप एक कंबल या छोटा तकिया नितंबों और एड़ी के बीच रख सकते है।

वज्रासन करने के बाद यह आसन भी जरुर करें [Vajrasana (Thunderbolt Pose) Karne Ke Bad Ye Aasan Kare in Hindi]:

तो यहाँ ऊपर आपने जाना वज्रासन (Vajrasana Yoga) करने का तरीका और फायदे क्या होते है चलिए अब इसे करने से पहले क्या सावधानिया बरतनी चाहिए जानते है –

वज्रासन योग करते समय क्या सावधानी बरतें (Vajrasana Yoga (Thunderbolt Pose) Precautions in Hindi):

वज्रासन योग (Vajrasana Yoga) कैसे करना है, यह जानने के साथ ही इससे जुड़ी कुछ सावधानियों के बारे में भी जानना जरूरी है, आइए जानते हैं कि वज्रासन करते समय व्यक्ति को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। तो चलिए अब जानते हैं कि वज्रासन पोज किसे नहीं करना चाहिए?

  1. यदि आपको घुटनो से सम्बंदित कोई समस्या है या आपने हाल के दिनों में घुटने की सर्जरी करवाई है, तो आपको इस आसन को नहीं करना चाहिए।
  2. इस आसन को करते समय आपको अपनी रीढ़ को झुकाने या बैठने के लिए उस पर अधिक दबाव डालने की आवश्यकता नहीं है।
  3. जिन लोगों को कैसी भी रीढ़ की हड्डी की परेशानी है या आपके शरीर की कशेरूकाओं में कोई दिक्कत या तकलीफ हो तो, उनको इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  4. यदि आप हर्निया, आंतों के अल्सर और छोटे और बड़े आंतों से संबंधित या गठिया जैसे अन्य रोग से पीड़ित हों तो कृपया विशेषज्ञ मार्गदर्शन और सलाह के तहत इस योग का अभ्यास करना चाहिये।
  5. अगर आप पसलियों की हड्डियों या फिर जिनकी हड्डियां कमज़ोर हों, वे लोग इस योगासन का अभ्यास न करें।
  6. गर्भवती महिलाओं को भी यह आसान नहीं करना चाहिए। यदपि उनको इस आसन का अभ्यास करते समय, अपने पेट पर दबाव डालने से बचने के लिए अपने घुटनों को थोड़ा अलग रखना चाहिये।
  7. इस आसन को करने में आपको अगर पैरों या टखनों में अधिक खिंचाव और तनाव हो रहा हो तो इस आसन को थोड़े समय के लिए करना बन्द कर देना चाहिये।

वज्रसान के पीछे का विज्ञान [The Science Behind Vajrasana Yoga In Hindi]:

यह एक ध्यान मुद्रा है, लेकिन इस आसन में बैठना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है, यह एकमात्र आसन है जिसे भोजन करने के बाद किया जाता है, भोजन के बाद दस मिनट तक वज्रासन (Vajrasana Yoga) में बैठने की सलाह दी जाती है।

यदि भोजन के बाद इस योग मुद्रा का अभ्यास किया जाता है, तो यह धीरे-धीरे पेट और पाचन तंत्र से जुड़ी हर बीमारी को ठीक करने लगता है। वज्रासन शरीर के निचले हिस्से में रक्त परिसंचरण को नियंत्रित करता है।

अपने पैरों पर बैठना पैरों में रक्त के प्रवाह को कम करता है और पाचन के क्षेत्र में रक्त को बढ़ाता है जिसके परिणाम स्वरूप पाचन शक्ति को बढती है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions)

वज्रासन कितने समय तक करना चाहिए?

भोजन के तुरंत बाद कम से कम 10 -15 मिनट के लिए नियमित रूप से वज्रासन का अभ्यास करें, जो लोग इस आसन में बैठते हैं उनकी स्थिर, दृढ़ मुद्रा होती है।

क्या वज्रासन में बैठने से कैलोरी बर्न होती है?

हाँ, वज्रासन में बैठने से कैलोरी बर्न होती है, वज्रासन न केवल शरीर के चयापचय को बढ़ाता है, बल्कि यह उदर क्षेत्र में वजन कम करने में भी मदद करता है, क्योंकि मुद्रा को सीधा रहने के लिए एक मजबूत कोर की आवश्यकता होती है, और यह बदले में उस क्षेत्र की मांसपेशियों को मजबूत कर देता है।

क्या पीरियड्स के दौरान वज्रासन में बैठना ठीक है?

वज्रासन आपके पैल्विक क्षेत्र में रक्त के प्रवाह और तंत्रिका आवेगों को बदल देता है और मासिक धर्म संबंधी विकारों को दूर करते हुए आपकी पैल्विक मांसपेशियों को मजबूत करता है। यह आपके पाचन तंत्र को भी सक्रिय करता है और पेट की परेशानियों को कम करता है।

क्या वज्रासन करने से पाचन में सुधार होता है?

वज्रासन करने से हमारे पाचन तंत्र को कई तरह से मदद मिलती है। भोजन के बाद वज्रासन करना अच्छा होता है क्योंकि यह अपच में मदद करता है। यह हमारे शरीर द्वारा पोषक तत्वों का बेहतर अवशोषण सुनिश्चित करता है। यह हमारे पैरों और जांघों में रक्त के प्रवाह को बाधित कर हमारे पेट क्षेत्र में इसे बढ़ाता है, इस प्रकार हमारे मल त्याग में सुधार होता है और कब्ज से राहत मिलती है। वज्रासन हमें पेट फूलने (गैस) और एसिडिटी से निजात दिलाने में भी मदद करता है।

आशा है इन सभी गुणों को जान ने के बाद आपको कभी यह नहीं बोलना पड़ेगा की वज्रासन करने का तरीका और फायदे (Vajrasana Yoga Steps And Benefits in Hindi) क्या होते है।

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उम्मीद है आपको हमारा यह लेख वज्रासन करने का तरीका और फायदे (Vajrasana Steps And Benefits in Hindi) पसंद आया होगा ,अगर आपको भी वज्रासन करने का तरीका और फायदे (Vajrasana Steps And Benefits in Hindi) के बारे में पता है तो आप हमे कमेंट बॉक्स में लिख कर जरूर बताये।

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