PCOS क्या है?, प्रकार, लक्षण, कारण, इलाज, परीक्षण और रोकथाम (What is PCOS in Hindi; Types, Symptoms, Causes, Treatment, Diagnosis And Prevention): वर्तमान में देखें तो हर दस में से एक प्रसव उम्र की महिला इसका शिकार हो रही हैं। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि जो महिलाएं तनाव भरा जीवन व्यतीत करती हैं उनमें पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम होने की संभावना अधिक होती है।
इस लेख में हमने PCOS क्या है? (What is PCOS in Hindi), PCOS के प्रकार (Types of PCOS in Hindi), PCOS के लक्षण (Symptoms of PCOS in Hindi), PCOS के कारण (Causes of PCOS in Hindi), PCOS का इलाज (Treatment of PCOS in Hindi) और PCOS से बचाव व रोकथाम (Prevention of PCOS in Hindi) आदि के बारे में विस्तार से बताया है, जिसे आपको जानना चाहिए।
- पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम क्या है? (Polycystic Ovary Syndrome PCOS in Hindi):
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के लक्षण (Symptoms of PCOS in Hindi):
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) होने का क्या कारण है? (Causes of PCOS in Hindi):
- मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे PCOS है? (How do I know if I have PCOS?):
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के जोखिम और जटिलताएं (Risks and Complications of PCOS in Hindi):
- PCOD और PCOS से बचाव कैसे करें? (Prevention of PCOS in Hindi):
- PCOD और PCOS का इलाज और उपचार कैसे किया जाता है? (Treatment of PCOS in Hindi):
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम क्या है? (Polycystic Ovary Syndrome PCOS in Hindi):
पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) महिलाओं में होने वाली एक बेहद ही आम समस्या है। यह समस्या केवल पहले 30 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में ही हुआ करती थी, लेकिन आजकल यह समस्या छोटी उम्र की लड़कियों में भी देखने को मिल रहीं हैं।
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है, जिसमें महिलाओं के सेक्स हार्मोंस संतुलित नहीं रहते है इसके अंतर्गत महिला के गर्भाशय में Androgen हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है जिसके कारण ओवरी में छोटी-छोटी फोड़ियां (सिस्ट्स) हो जाती हैं ये सिस्ट्स छोटी-छोटी थैलीनुमा जैसी होती हैं, जिनमें तरल पदार्थ भरा होता है, जो धीरे धीरे ओवरी में ये जमा होती रहती हैं और जिनका आकार भी धीरे-धीरे बढ़ता चला जाता है इसी स्थिति को पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम कहा जाता है।
महिलाओं में यह समस्या हार्मोनल असंतुलन, मोटापा या तनाव के कारण उत्पन्न होती हैं। साथ ही कई बार इस समस्या का कारण जैनेटिकली भी होता है। साथ ही महिलाओं में अधिक चर्बी होने की वजह से भी शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे ओवरी में सिस्ट्स बनते है।
यहाँ निचे हमने PCOD और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के लक्षण (Symptoms of PCOS in Hindi) के बारे में विस्तार से बताया है जिसे आपको जानना चाहिए-
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के लक्षण (Symptoms of PCOS in Hindi):
शुरुआत में लक्षण हल्के होते हैं। आपके पास कम से कम लक्षण हो सकते हैं और लक्षण गंभीर हो सकते हैं। सबसे आम लक्षण हैं:
- मुँहासे निकलना।
- डिप्रेशन।
- अनुपस्थित, दुर्लभ और/या अनियमित मासिक धर्म।
- वजन बढ़ना या वजन कम करने में परेशानी होना।
- बाल झड़ना।
- बांझपन
- चेहरे और शरीर पर अत्यधिक बाल उगना। जैसे- चेहरे, पेट, नाभि और पीठ पर घने और काले बाल उग जाना।
- प्रजनन समस्याएं।
- मासिक धर्म की अनियमितता।
हालांकि यहाँ बतायी गयी सभी समस्याएं PCOS की वजह से ही हो रही हैं, ऐसा जरूरी नहीं है। इसके लिए आपको अपने चिकित्सक से जांच करवानी चाहिए।
यहाँ निचे हमने PCOD और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) होने का क्या कारण है? (Causes of PCOS in Hindi) के बारे में विस्तार से बताया है जिसे आपको जानना चाहिए-
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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) होने का क्या कारण है? (Causes of PCOS in Hindi):
PCOS का सही कारण अभी तक ज्ञात नहीं है। इसे आनुवंशिक उत्पत्ति का रोग माना जाता है। PCOS के सकारात्मक पारिवारिक इतिहास वाली महिला को इसके विकसित होने का अधिक जोखिम होता है।
मोटापा और निष्क्रिय जीवनशैली PCOS के लिए अन्य जिम्मेदार कारक हैं। इसके अलावा, PCOS वाली महिलाओं में एण्ड्रोजन और एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर लगातार उच्च होता है।
मुझे कैसे पता चलेगा कि मुझे PCOS है? (How do I know if I have PCOS?):
अगर आपको अनियमित पीरियड्स, लेट पीरियड्स, कम मासिक धर्म के साथ-साथ मुंहासे और अनचाहे बालों के बढ़ने की समस्या है, तो आपको PCOS होने की संभावना है। बालों का पतला होना और वजन बढ़ना भी PCOS के लक्षण हैं, हालांकि ये अन्य कारकों के कारण भी हो सकते हैं।
कुछ महिलाओं में, भारी मासिक धर्म प्रवाह भी मौजूद हो सकता है। मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन भी PCOS के लक्षण हैं। हालांकि, इन लक्षणों को उचित निदान के लिए हार्मोन परीक्षण और अन्य चिकित्सा जांच द्वारा समर्थित करना होगा।
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यहाँ निचे हमने PCOD और पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) का परीक्षण कैसे किया जाता है? (Diagnosis of PCOS in Hindi) के बारे में विस्तार से बताया है जिसे आपको जानना चाहिए-
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) का परीक्षण कैसे किया जाता है? (Diagnosis of PCOS in Hindi):
PCOS का निदान करने के लिए कोई विशिष्ट परीक्षण नहीं है। आपका डॉक्टर आपकी चिकित्सा स्थिति, पिछली चिकित्सा समस्याओं, एक शारीरिक परीक्षा और कई अलग-अलग परीक्षणों पर चर्चा कर सकता है ताकि इसका निदान किया जा सके और आपके लक्षणों के अन्य कारणों का पता लगाया जा सके।
1. श्रौणिक जांच (Pelvic Exam):
डॉक्टर अतिरिक्त नर हार्मोन की जांच के लिए या यह देखने के लिए कि अंडाशय बढ़े हुए हैं या सूजे हुए तो नहीं हैं, के लिए एक पैल्विक परीक्षा करते हैं।
2. श्रोणि अल्ट्रासाउंड (Pelvic Ultrasound):
इस परीक्षण में, ध्वनि तरंगों का उपयोग करके अंडाशय की जांच की जाती है ताकि यह देखा जा सके कि कहीं कोई सिस्ट तो नहीं है और इसी दौरान गर्भाशय की परत की भी जांच की जाती है।
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3. शारीरिक जाँच (Physical examination):
आपका डॉक्टर आपके रक्तचाप, बॉडी मास इंडेक्स (BMI) और कमर की माप लेगा। वे चेहरे, छाती या पीठ की त्वचा पर अतिरिक्त बाल, मुंहासे या त्वचा के मलिनकिरण की जाँच करेंगे। डॉक्टर बालों के झड़ने या अन्य लक्षणों पर भी विचार करते हैं, जैसे कि थायरॉयड ग्रंथि का बढ़ना।
4. रक्त परीक्षण (Blood Test):
आपका डॉक्टर रक्त परीक्षण करके नर हार्मोन की दर की जांच करते हैं। और तो और आपका डॉक्टर आपकी कोलेस्ट्रॉल दर और मधुमेह की जांच भी कर सकते हैं।
यह निदान करने के बाद कि आपके पास किसी अन्य समस्या के कारण ये लक्षण नहीं हैं, डॉक्टर PCOS का निदान करते हैं यदि आपके पास निम्न में से दो लक्षण हैं:
- सामान्य से अधिक नर हार्मोन होने के संकेत
- मासिक धर्म चक्र में अनियमितता
- अंडाशय में एकाधिक सिस्ट (एक या दोनों अंडाशय में)।
यहाँ निचे हमने PCOD और PCOS के जोखिम और जटिलताएं (Risks and Complications of PCOS in Hindi) के बारे में विस्तार से बताया है जिसे आपको जानना चाहिए-
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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के जोखिम और जटिलताएं (Risks and Complications of PCOS in Hindi):
PCOS से पीड़ित महिलाओं में निम्नलिखित समस्याओं के विकसित होने का अधिक खतरा होता है, जैसे:
- बांझपन
- दिल का दौरा
- उच्च रक्तचाप (हाई बीपी)
- उच्च कोलेस्ट्रॉल
- चिंता और अवसाद
- सोते समय सांस की तकलीफ (स्लीप एपनिया)
- स्तन कैंसर
- अंतर्गर्भाशयकला कैंसर
- टाइप 2 मधुमेह
यहाँ निचे हमने PCOD और PCOS से बचाव कैसे करें? (Prevention of PCOS in Hindi) के बारे में विस्तार से बताया है जिसे आपको जानना चाहिए-
PCOD और PCOS से बचाव कैसे करें? (Prevention of PCOS in Hindi):
PCOS को होने से रोका नहीं जा सकता है, लेकिन इसका हम समय पर निदान और उपचार कर, प्रजनन क्षमता में कमी, मोटापा, मधुमेह, चयापचय सिंड्रोम, और हृदय रोग जैसी दीर्घकालिक जटिलताओं से खुद को बचा सकते है।
यहाँ निचे हमने PCOD और PCOS का इलाज और उपचार कैसे किया जाता है? (Treatment of PCOS in Hindi) के बारे में विस्तार से बताया है जिसे आपको जानना चाहिए-
PCOD और PCOS का इलाज और उपचार कैसे किया जाता है? (Treatment of PCOS in Hindi):
PCOD और PCOS का इलाज किया जा सकता है, लेकिन इसका पूरी तरह से उपचार नहीं किया जा सकता है। इसका उपचार लक्षणों को नियंत्रित करने और स्थिति को प्रबंधित करने पर केंद्रित है ताकि इससे पैदा होने वाली अतिरिक्त जटिलताओं से बचा जा सके। महिला के व्यक्तिगत विशिष्ट लक्षणों के आधार पर उपचार का तरीका अलग-अलग होगा।
यहाँ निचे हमने PCOD और PCOS के लक्षणों को नियंत्रित करने के उपाय के बारे में विस्तार से बताया है, जिसे आपको जानना चाहिए:
1. दवाइयाँ (Medicines):
इसमें आपको आपकी स्थिति और लक्षणों के आधार पर दवाएं दी जाती हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा न लें।
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2. स्वस्थ आहार लें (Have a Healthy Diet):
PCOS से पीड़ित सभी महिलाओं को स्वस्थ आहार लेना ही चाहिए और खासकर अधिक वजन वाले लोगों को नियमित रूप से व्यायाम भी करना चाहिए। यह मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने और रक्त शर्करा की दर को कम करने में मदद करेगा।
3. शल्य चिकित्सा (Surgery):
कुछ महिलाओं में PCOS के इलाज के लिए सर्जरी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। डिम्बग्रंथि ड्रिलिंग (Ovarian Drilling) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें डॉक्टर एक छोटी सुई की मदद से अंडाशय में छेद करता है, जिसमें विद्युत प्रवाह होता है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि अंडाशय के हिस्से को नष्ट किया जा सके। यह ओव्यूलेशन बढ़ाने और नर हार्मोन को कम करने का एक अल्पकालिक उपाय है। कई बार गंभीर मामलों में, सिस्टक्टोमी द्वारा सिस्ट को भी हटाया जा सकता है।
4. गर्भनिरोधक गोलियां लें (Take Birth Control Pills):
यदि आप गर्भवती होने की योजना नहीं बना रही हैं तो गर्भनिरोधक गोलियां लें। ये मुँहासे का इलाज कर सकते हैं, मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित कर सकते हैं, और शरीर में टेस्टोस्टेरोन जैसे नर हार्मोन के स्तर को कम कर सकते हैं। कभी कभी ओव्यूलेशन के लिए प्रजनन दवाएं निर्धारित की जा सकती हैं, अगर महिला को फर्टिलिटी की समस्या है।
आशा है की इन सभी चीजो को जान ने के बाद आपको कभी यह नहीं बोलना पड़ेगा की PCOS क्या है?, प्रकार, लक्षण, कारण, इलाज, परीक्षण और रोकथाम (What is PCOS in Hindi; Types, Symptoms, Causes, Treatment, Diagnosis And Prevention) क्या होते है।
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उम्मीद है आपको हमारा यह लेख PCOS क्या है?, प्रकार, लक्षण, कारण, इलाज, परीक्षण और रोकथाम (What is PCOS in Hindi; Types, Symptoms, Causes, Treatment, Diagnosis And Prevention) पसंद आया होगा ,अगर आपको भी PCOS क्या है?, प्रकार, लक्षण, कारण, इलाज, परीक्षण और रोकथाम (What is PCOS in Hindi; Types, Symptoms, Causes, Treatment, Diagnosis And Prevention) के बारे में पता है तो आप हमे कमेंट बॉक्स में लिख कर जरूर बताये।
और अगर आपके घर परिवार में भी कोई PCOS क्या है?, प्रकार, लक्षण, कारण, इलाज, परीक्षण और रोकथाम (What is PCOS in Hindi; Types, Symptoms, Causes, Treatment, Diagnosis And Prevention) जानना चाहते है तो आप उन्हें भी यह लेख भेजे जिस से उन लोगो को भी PCOS क्या है?, प्रकार, लक्षण, कारण, इलाज, परीक्षण और रोकथाम (What is PCOS in Hindi; Types, Symptoms, Causes, Treatment, Diagnosis And Prevention) के बारे में पता चलेगा।
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