सूर्य नमस्कार करने का तरीका और फायदे (Surya Namaskar Steps, Benefits And Precautions in Hindi) : क्या आपको पता है सूर्या नमस्कार करने का सही तरीका क्या है, अगर नहीं तो यहाँ हमने विस्तार में बताया है की सूर्य नमस्कार कैसे करे और इसके फायदे क्या होते है।
इसी लिए आज हम आपके लिए यह लेख लाये है, जिसे पढ़ने के बाद आपको यह ज्ञान हो जाएगा की सूर्य नमस्कार कैसे करते है और सूर्या नमस्कार के फायदे क्या होते है, तो चलिए शुरू करते है।
- सूर्य नमस्कार करने का तरीका, फायदे और सावधानियां (Surya Namaskar Steps, Benefits And Precautions in Hindi):
- सूर्य नमस्कार क्या है (What Is Surya Namaskar (Sun Salutation) in Hindi):
- सूर्य नमस्कार मंत्र (Surya Namaskar Mantras)
- सूर्य नमस्कार के फायदे और लाभ (Surya Namaskar Benefits in Hindi):
- 1. वजन कम करने में मदद करता है (Benefits Of Surya Namaskar For Weight Loss in Hindi):
- 2. चेहरे पर निखार वापस लाने में मदद करता है (Benefits Of Surya Namaskar For Glowing skin in Hindi):
- 3. पाचन क्रिया और भूख में सुधार करता है (Benefits Of Surya Namaskar For Improve Digestion in Hindi):
- 4. महिलाओं के मासिक धर्म की अनियमितता को दूर करता है (Benefits Of Surya Namaskar For Periods in Hindi):
- 5. तनाव दूर कर शारीरिक और शांति प्रदान करता हैं (Benefits Of Surya Namaskar For Stress in Hindi):
- 6. शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है (Benefits Of Surya Namaskar For Body Detoxify in Hindi):
- 7. अनिद्रा को दूर करता है (Benefits Of Surya Namaskar For Good Sleep in Hindi):
- 8. बॉडी पोस्चर को बेहतर करता है (Benefits Of Surya Namaskar For Good Body Posture in Hindi):
- 9. हड्डियों को मजबूत करता है (Benefits Of Surya Namaskar For Bones in Hindi):
- बाबा रामदेव द्वारा बताया गया सूर्य नमस्कार करने का तरीका और विधि (Baba Ramdev Surya Namaskar Step By Step Instructions in Hindi):
- जानिये आखिर क्या है सूर्य नमस्कार करने का सही तरीका? [Surya Namaskar Karne Ka Tarika) How To Do Surya Namaskar Step by Step Procedure In Hindi]:
- चरण 1 : प्रणामासन (Pranamasana – The Prayer Pose):
- चरण 2 : हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose):
- चरण 3 : पादहस्तासन (Padahastasana – Standing Forward Bend):
- चरण 4 : अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana – Equestrian Pose):
- चरण 5 : दंडासन (Dandasana – Staff Pose):
- चरण 6 : अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara – Eight Limbed pose or Caterpillar pose):
- चरण 7 : भुजंगासन (Bhujangasana – Cobra Pose):
- चरण 8 : अधोमुख शवासन (Adho Mukha Svanasana – Downward-facing Dog Pose):
- चरण 9 : अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana – Equestrian Pose):
- चरण 10 : पादहस्तासन (Padahastasana – Hand Under Foot Pose):
- चरण 11 : हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose):
- चरण 12 : प्रणामासन (Pranamasana – The Prayer Pose):
- सूर्य नमस्कार करने में क्या सावधानी और एहतियात रखें (Precautions Should Be Taken in Surya Namaskar in Hindi):
- अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions)
सूर्य नमस्कार करने का तरीका, फायदे और सावधानियां (Surya Namaskar Steps, Benefits And Precautions in Hindi):
आज के समय हर कोई व्यस्त जीवन शैली जीता हैं, परिणामस्वरूप, हम अवसाद, तनाव और अन्य मानसिक बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं, सूर्य नमस्कार एक योग तकनीक है जो ऐसी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहायक होती है और आपके दिमाग को शांत करती है। विज्ञान भी सूर्य नमस्कार आसन से मिलने वाले लाभों को मानता है।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ योग एंड एलाइड साइंसेज में प्रकाशित एक लेख में बताया गया है कि सूर्या नमस्कार आपके भावनात्मक परिपक्वता (Maturity) और मनोवैज्ञानिक कल्याण पर प्रभाव डालता है यह आपके शरीर और दिमाग से तनाव को कम करता है, और आपकी एकाग्रता क्षमताओं में सुधार करता है इसके नियमित अभ्यास से फेफड़ों, श्वसन प्रणाली और रक्त परिसंचरण पर सूर्य नमस्कार का सकारात्मक प्रभाव होता है।
सूर्य नमस्कार क्या है (What Is Surya Namaskar (Sun Salutation) in Hindi):
सूर्य इस ग्रह का जीवन स्रोत है। सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) का अर्थ है, सूर्य को नमन करना। हम जो कुछ भी खाते, पीते और सांस लेते हैं, उसमें सूर्य का एक तत्व होता मोजूद होता है, इसी कारण प्राचीन काल में ऋषि-मुनि सूर्य की पूजा-अर्चना किया करते थे, सूर्या नमस्कार योग एक बहुत ही व्यवस्थित, अनुशासित और शक्तिशाली योग पद्धति है जो शरीर, मन और आत्मा के कुल परिवर्तन के लिए 12 पदों को लयबद्ध कर श्वास और मंत्र के साथ जोड़ती है, इसलिए यह सबसे पसंदीदा योग तकनीक में से एक है।
सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) को प्रात:काल खुले क्षेत्र और ताजी हवा में सबसे पहले खाली पेट किया जाता है। सूर्य नमस्कार को करने से एक साथ 12 योगासनों का लाभ मिलता है, इसका प्रत्येक आसन आपकी मांसपेशियों के लचीलेपन को बढ़ाता है इसीलिए इसे सर्वश्रेष्ठ योगासन कहा जाता है। सूर्य नमस्कार का अभ्यास करने से आपको आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने में भी मदद मिलती है।
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सूर्य नमस्कार मंत्र (Surya Namaskar Mantras)
योग परम्पराओं के अनुसार सूर्य नमस्कार के चरण के साथ मंत्र का जाप किया जाता है प्रत्येक चरण का अलग मंत्र होता है आप चाहे तो इन सूर्य नमस्कार करते वक्त इन मंत्रो का जाप भी कर सकते हैं तो आइये जानते है Surya Namaskar Mantras सूर्य नमस्कार के मंत्रो के बारे में –
1 : प्रणामासन (Pranamasana – The Prayer Pose)
मंत्र (Mantra) – ॐ मित्राय नमः Oṃ Mitrāya Namaḥ
2 : हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose)
मंत्र (Mantra) – ॐ रवये नमः Oṃ Ravaye Namaḥ
3 : पादहस्तासन (Padahastasana – Standing Forward Bend)
मंत्र (Mantra) – ॐ सूर्याय नमः Oṃ Sūryāya Namaḥ
4 : अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana – Equestrian Pose)
मंत्र (Mantra) – ॐ भानवे नमः Oṃ Bhānave Namaḥ
5 : दंडासन (Dandasana – Staff Pose)
मंत्र (Mantra) – ॐ खगाय नमः Oṃ Khagāya Namaḥ
6 : अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara – Eight Limbed pose or Caterpillar pose)
मंत्र (Mantra) – ॐ पूष्णे नमः Oṃ Pūṣṇe Namaḥ
7 : भुजंगासन (Bhujangasana – Cobra Pose)
मंत्र (Mantra) – ॐ हिरण्यगर्भाय नमः Oṃ Hiraṇya Garbhāya Namaḥ
8 : अधोमुख शवासन (Adho Mukha Svanasana – Downward-facing Dog Pose)
मंत्र (Mantra) – ॐ मरीचये नमः Oṃ Marīcaye Namaḥ
9 : अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana – Equestrian Pose)
मंत्र (Mantra) – ॐ आदित्याय नमः Oṃ Ādityāya Namaḥ
10 : पादहस्तासन (Padahastasana – Hand Under Foot Pose)
मंत्र (Mantra) – ॐ सवित्रे नमः Oṃ Savitre Namaḥ
11 : हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose)
मंत्र (Mantra) – ॐ अर्काय नमः Oṃ Arkāya Namaḥ
12 : प्रणामासन (Pranamasana – The Prayer Pose)
मंत्र (Mantra) – ॐ भास्कराय नमः Oṃ Bhāskarāya Namaḥ
सूर्य नमस्कार के फायदे और लाभ (Surya Namaskar Benefits in Hindi):
इसका अभ्यास अकेले ही पूरे योग व्यायाम का लाभ मनुष्य को देने में सक्षम है, सूर्य नमस्कार करने के अनगिनत लाभ हैं।
1. वजन कम करने में मदद करता है (Benefits Of Surya Namaskar For Weight Loss in Hindi):
सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) को सामान्य से तेज गति से करना एक अच्छा कार्डियो व्यायाम माना जाता है जो वजन कम करने में मदद कर सकता है। इससे पेट की मांसपेशियों में खिंचाव होता है, जो पेट के चारों ओर एक्स्ट्रा फैट (अतिरिक्त चर्बी) को कम करने में मदद करता है।
इसके सभी आसनों को करने से आपकी बाहें और पेट (ऐब्स) भी टोंड होते हैं, यह आपके मेटाबॉलिज्म (पाचन शक्ति) को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। यह एक साधारण व्यायाम की तरह लग सकता है लेकिन सूर्या नमस्कार के एक दौर में दो क्रम होते हैं, पहला दाएं तरफ और दूसरा बाईं ओर होता है जो बहुत सारी कैलोरी को बर्न करने में मदद करता है।
2. चेहरे पर निखार वापस लाने में मदद करता है (Benefits Of Surya Namaskar For Glowing skin in Hindi):
सूर्य नमस्कार आपके रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है, जिससे आपकी त्वचा और आपका चेहरा अपनी चमक वापस पा जाता है। यह झुर्रियों और जल्दी उम्र बढ़ने को रोकने में भी मदद करता है। बेहतर परिणाम पाने के लिए नियमित रूप से हर रोज इस आसन को करना चहिये।
3. पाचन क्रिया और भूख में सुधार करता है (Benefits Of Surya Namaskar For Improve Digestion in Hindi):
सूर्य नमस्कार आपके पाचन तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। यह आपके पाचन तंत्र में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है, जिससे आपकी आंतों की बेहतर कार्यप्रणाली सुनिश्चित होती है इसके कारण खाना पचाने वाला रस बड़ी मात्रा में बाहर निकलता है और पेट में छिपी हुई गैस बाहर निकलती है, जिसके कारण पेट हल्का रहता है और गैस, अपच, एसिडिटी जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
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4. महिलाओं के मासिक धर्म की अनियमितता को दूर करता है (Benefits Of Surya Namaskar For Periods in Hindi):
कई महिलाओं में अनियमित पीरियड्स होते हैं, जिन्हें नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करने से ठीक किया जा सकता है। सूर्य नमस्कार मासिक चक्र के बेहतर नियमन में भी मदद करता है।
आसन की गतिविधियों का नियमित अभ्यास करने से प्रसव की प्रक्रिया को आसान बनाने में भी मदद मिलती है। पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने और मासिक धर्म चक्र के कम दर्दनाक अनुभव के लिए हर रोज आसन करें।
5. तनाव दूर कर शारीरिक और शांति प्रदान करता हैं (Benefits Of Surya Namaskar For Stress in Hindi):
यदि आप नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करते हैं, तो आपको न केवल अपने शारीरिक स्वास्थय में बल्कि अपने मानसिक रूप में भी अंतर दिखाई देगा। यह स्मृति और तंत्रिका तंत्र के कामकाज में सुधार करने में मदद करता है।
यह याददाश्त और तंत्रिका तंत्र के कामकाज को बेहतर बनाने में मदद करता है। यह अंतःस्रावी ग्रंथियों की गतिविधि को सामान्य करता है और थायराइड की समस्या वाले लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है।
6. शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है (Benefits Of Surya Namaskar For Body Detoxify in Hindi):
सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) आपको एक कुशल साँस लेने और साँस छोड़ने की प्रक्रिया को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे फेफड़े ठीक से हवादार हो जाते हैं और रक्त को पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त रहने के लिए ताजा ऑक्सीजन प्राप्त होता है। यह कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य जहरीली गैसों से छुटकारा पाकर शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।
7. अनिद्रा को दूर करता है (Benefits Of Surya Namaskar For Good Sleep in Hindi):
सूर्य नमस्कार आपके स्लीपिंग पैटर्न को बेहतर बनाने के लिए जाना जाता है। यह आपके दिमाग को शांत करने में मदद करता है, जिसके कारण शरीर को आराम मिलता है, जिससे रात को अधिक शांतिपूर्ण और अच्छी नींद आती है।
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8. बॉडी पोस्चर को बेहतर करता है (Benefits Of Surya Namaskar For Good Body Posture in Hindi):
सूर्य नमस्कार करने से शरीर में अकड़न कम होती है और शरीर में लचीलापन आता है। बहुत से लोग झुककर बैठते हैं, जिससे उनका पूरा शरीर खराब दिखता है। सूर्या नमस्कार करने से शारीरिक सुधार अंदर से शुरू होता है। इससे शरीर का सारा दर्द भी खत्म हो जाता है।
9. हड्डियों को मजबूत करता है (Benefits Of Surya Namaskar For Bones in Hindi):
सूर्य नमस्कार सूरज के सामने खड़े होकर किया जाता है इसके कारण सूर्य की किरणें हमारे शरीर की हड्डियों में विटामिन-डी की भरपाई करती हैं। सूर्य के सामने सूर्या नमस्कार करने से शरीर में विटामिन डी आ जाता है, जिससे खूब सारा कैल्शियम हड्डियों दृारा सोख लिया जाता है जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं।
बाबा रामदेव द्वारा बताया गया सूर्य नमस्कार करने का तरीका और विधि (Baba Ramdev Surya Namaskar Step By Step Instructions in Hindi):
जानिये आखिर क्या है सूर्य नमस्कार करने का सही तरीका? [Surya Namaskar Karne Ka Tarika) How To Do Surya Namaskar Step by Step Procedure In Hindi]:
सूर्य नमस्कार के प्रत्येक चरणों का एक क्रम निर्धारित किया गया है इनको क्रम्बध किया जाना आवश्यक है तो आइये जानते हैं सूर्य नमस्कार कैसे करें (Steps of Surya Namaskar in Hindi)
चरण 1 : प्रणामासन (Pranamasana – The Prayer Pose):
सूरज की ओर चेहरा करके सीधे खड़े हो जाये और दोनों को पैरों को आपस में मिलाएं, कमर को सीधी रखें। अब अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाते हुए गहरी साँस लें अब हाथों को छाती के पास लाएं और दोनों हथेलियों को मिलाएं और प्रार्थना प्रणाम की स्थिति बनाएं और जब आप उन्हें एक साथ नमस्कार मुद्रा में लाएँ तब साँस छोड़ें।
चरण 2 : हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose):
पहली अवस्था में ही खड़े रहकर अपने हाथों को सिर के ऊपर पीछे की ओर उठाएं और धीरे-धीरे श्वास लें और अपने बाइसेप्स को कानों के करीब लाएं, इससे पूरे शरीर में खिंचाव होना चाहिए। अब प्रणाम की अवस्था में हाथों को पीछे ले जाते हुए शरीर को भी पीछे की ओर ले जाएं। इस मुद्रा या आसन को अर्ध चंद्रासन भी कहा जाता है।
चरण 3 : पादहस्तासन (Padahastasana – Standing Forward Bend):
अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकते हुए अपने हाथों से पैरों के पंजों को स्पर्श करें।
शुरुआती लोगों के लिए टिप (Tip to Beginners) : हथेलियों को पैरों के पंजों को स्पर्श कराने के लिये आप घुटनों को मोड़ सकते हैं, यदि आवश्यक हो।
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चरण 4 : अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana – Equestrian Pose):
धीरे-धीरे साँस लेते हुए, एक पैर को जहाँ तक संभव हो पीछे की ओर ले जाएं, और दुसरे पैर को घुटने से मोड़ते हुए छाती के पास लाए, और पीछे वाले पैर का घुटना फर्श से मिलना चाहिए। हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें और ऊपर आसमान की ओर देखें।
चरण 5 : दंडासन (Dandasana – Staff Pose):
अब सांस छोड़ते हुए अपने दुसरे पैर को भी पीछे की ओर लेकर आए और अपने पेरो और पूरे शरीर को एक सीध में लाएं, एवं अपने ऊपरी शरीर को अपनी हथेलियों पर संतुलित करें।
चरण 6 : अष्टांग नमस्कार (Ashtanga Namaskara – Eight Limbed pose or Caterpillar pose):
अब सांस लेते हुए धीरे धीरे अपने घुटनों को फर्श पर ले आएं, कूल्हों को थोड़ा पीछे ले जाएं, आगे स्लाइड करें, अपनी छाती और ठोड़ी को फर्श पर टिकाएं। दो हाथ, दो पैर, दो घुटने, छाती और ठुड्डी (शरीर के आठ भाग) फर्श को छूना चाहिए।
चरण 7 : भुजंगासन (Bhujangasana – Cobra Pose):
अब अपने हाथो की हथेलियों और पेट को जमीन से मिलाते हुए सिर और गर्दन को जितना संभव हो सके ऊपर की ओर उठाते हुए पीछे की ओर ले जाएं।
चरण 8 : अधोमुख शवासन (Adho Mukha Svanasana – Downward-facing Dog Pose):
इसके अभ्यास के लिए आपको साँस छोड़ते हुए, शरीर को एक उल्टे ’V’ मुद्रा में लाना है, इसके लिए अपने पैरों को जमीन पर सीधा रखें और कूल्हे और टेलबोन को ऊपर की ओर उठाएँ यदि संभव हो, तो एड़ी को ज़मीन पर रखने की कोशिश करें एवं कंधों को सीधा और सिर को हाथो के अंदर की ओर रखें।
चरण 9 : अश्व संचालनासन (Ashwa Sanchalanasana – Equestrian Pose):
धीरे-धीरे सांस लेते हुए, अब एक बार फिर से अश्व संचालनासन मुद्रा में आए लेकिन इस बार दुसरे पैर को पीछे की की ओर ले जाएं, और दुसरे पैर को घुटने से मोड़ते हुए छाती के पास लाए, पीछे वाले पैर का घुटना फर्श से मिलना चाहिए। हथेलियों को जमीन पर सीधा रखें और ऊपर आसमान की ओर देखें।
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चरण 10 : पादहस्तासन (Padahastasana – Hand Under Foot Pose):
अश्व संचालनासन मुद्रा से वापस सामान्य स्थिति में आने के पश्चात अब वापस पादहस्तासन की मुद्रा में आएं और धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकते हुए अपने हाथों से पैरों के पंजों को स्पर्श करें।
चरण 11 : हस्तउत्तनासन (Hasta Uttanasana – Raised Arms Pose):
पादहस्तासन मुद्रा से बहार आने के बाद एक बार फिर से हस्तउत्तनासन मुद्रा में आए, इसके लिए पहली अवस्था में ही खड़े रहकर अपने हाथों को सिर के ऊपर पीछे की ओर उठाएं और धीरे-धीरे श्वास लें और अपने बाइसेप्स को कानों के करीब लाएं, और एक बार फिर से प्रणाम की अवस्था में हाथों को पीछे ले जाते हुए शरीर को भी पीछे की ओर ले जाएं।
चरण 12 : प्रणामासन (Pranamasana – The Prayer Pose):
हस्तउत्तनासन आसन से सामान्य स्थिति में लौटने के बाद, एक बार फिर, सूरज की ओर चेहरा करके सीधे खड़े हो जाये और प्रणामासन को दोहराए।
सूर्य नमस्कार करने में क्या सावधानी और एहतियात रखें (Precautions Should Be Taken in Surya Namaskar in Hindi):
सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) का अभ्यास हमेशा खुली, हवादार जगह पर हमेशा खाली पेट करना चाहिए, अगर आप सुबह इसका अभ्यास कर रहे हैं तो इसे पूर्व दिशा में मुंह करके और यदि शाम को कर रहे हैं, तो अपना चेहरा पश्चिम की ओर रखें, सूर्या नमस्कार का अभ्यास करते समय ढीले और आरामदायक कपड़ें ही पहनें।
गर्भवती महिलाओं को तीसरे महीने के गर्भ के बाद से इसे करना बंद कर देना चिहिये। किसी लम्बी बिमारी या फिर जोड़ो में सूजन के कारन शरीर में कमजोरी रहती हो या फिर हाई बीपी, हर्निया, गंभीर हृदय रोग, चक्कर आना और गंभीर रीढ़ की हड्डी की बीमारी वाले रोगियों द्वारा सूर्या नमस्कार नहीं किया जाना चाहिए, ऐसी स्थिति में अपने डॉ. से सलाह लेना बहुत जरूरी है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently Asked Questions)
सूर्य नमस्कार सुबह कितने बजे करना चाहिए?
आदर्श रूप से, सूर्य नमस्कार सुबह सूर्योदय के समय, खाली पेट, विशेषतः सुबह 6 बजे से पहले करना एक अच्छा विचार है। सुनिश्चित करें कि आप इन चरणों को करने से कम से कम डेढ़ घंटे पहले कुछ भी नहीं खाते हैं। भारी भोजन के बाद सूर्य नमस्कार का प्रयास न करें।
सूर्य नमस्कार कितनी बार करना चाहिए?
प्रतिदिन सूर्य नमस्कार के कम से कम 12 चक्कर लगाना एक अच्छा विचार है (एक सेट में दो चक्कर होते हैं)। इसलिए, जब आप इसे दोनों तरफ से 12 बार दोहराते हैं, तो आप 288 पोज़ कर रहे होते हैं। हालाँकि, इस योग अभ्यास के लिए एक शुरुआत के रूप में, आप दो से चार राउंड के साथ शुरू कर सकते हैं। और फिर धीरे-धीरे जितना आप कर सकते हैं उतने तक जा सकते हैं इससे बेहतर और क्या हो सकता है जब आप सिर्फ 20 मिनट में 288 आसन कर सकते हैं।
सूर्य नमस्कार से कितनी कैलोरी बर्न होती है?
सूर्य नमस्कार का एक राउंड करने से लगभग 13.90 कैलोरी बर्न होती है, और वजन घटाने के लिए सूर्य नमस्कार लगाने की जादुई संख्या 12 है। आप रोजाना इसके 5 सेट करके शुरू कर सकते हैं और फिर इसे समय के साथ 12 तक बढ़ा सकते हैं, जिससे आपको 416 कैलोरी वजन कम करने में मदद मिलेगी।
सूर्य नमस्कार क्यों करना चाहिए?
सूर्य नमस्कार, जिसे ‘द अल्टीमेट आसन’ भी कहा जाता है, आपकी पीठ के साथ-साथ आपकी मांसपेशियों को भी मजबूत करता है और रक्त शर्करा के स्तर को कम करता है। यह चयापचय और रक्त परिसंचरण में भी सुधार करता है (इसलिए, एक चमकती त्वचा) और महिलाओं के लिए नियमित मासिक धर्म सुनिश्चित करता है।
आशा है इन सभी गुणों को जान ने के बाद आपको कभी यह नहीं बोलना पड़ेगा की सूर्या नमस्कार करने का तरीका और फायदे (Sun Salutation / Surya Namaskar Steps And Benefits in Hindi) क्या होते है।
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उम्मीद है आपको हमारा यह लेख सूर्या नमस्कार करने का तरीका और फायदे (Sun Salutation Steps And Benefits in Hindi) पसंद आया होगा ,अगर आपको भी सूर्या नमस्कार करने का तरीका और फायदे (Sun Salutation / Surya Namaskar Steps And Benefits in Hindi) के बारे में पता है तो आप हमे कमेंट बॉक्स में लिख कर जरूर बताये।
और अगर आपके घर परिवार में भी कोई सूर्या नमस्कार करने का तरीका और फायदे (Sun Salutation / Surya Namaskar Steps And Benefits in Hindi) के बारे में जानना चाहते है तो आप उन्हें भी यह लेख भेजे जिस से उन लोगो को भी सूर्य नमस्कार करने का तरीका और फायदे (Sun Salutation / Surya Namaskar Steps And Benefits in Hindi) के बारे में पता चलेगा।
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