Plasma Therapy Kya Hai (What is Plasma Therapy in Hindi) : इस लेख में हमने प्लाज्मा थेरेपी के बारे में विस्तार रूप से बताया है, जिसमे आपको प्लाज्मा थेरेपी ट्रीटमेंट के बारे में पता चलेगा।
- Plasma Therapy Kya Hai? : What is Plasma Therapy in Hindi
- अब प्रशन यह आता है कि यह Plasma Therapy Kya Hai?, कोरोना वायरस में कैसे उपयोगी है?
- प्लाज्मा थेरेपी के बारे में रोचक तथ्य : Interesting Facts ABout Plasma Therapy in Hindi
- क्या प्लाज्मा थेरेपी COVID-19 का इलाज कर सकती है?
- प्लाज्मा थेरेपी कैसे काम करती है?
- प्लाज्मा थेरेपी ट्रीटमेंट की तैयारी कैसे करें?
- प्लाज्मा थेरेपी के जोखिम क्या है?
- प्लाज्मा थेरेपी का दुनिया भर में उपयोग :
Plasma Therapy Kya Hai? : What is Plasma Therapy in Hindi
दुनिया भर में करीब 3 करोड़ से ऊपर लोगों को कोरोना हो चुका है, मरने वालों की संख्या 9 लाख के ऊपर हैतथा ठीक होने वालों की संख्या 2 करोड़ से ऊपर पहुंच चुकी है। जब तक इस वायरस की वैक्सीन नहीं बन जाती,तब तक पूरी दुनिया में प्लाज्मा थेरेपी एक उम्मीद की किरण बनकर उभरी है। भारत समेत कई देशों में इस के अच्छे नतीजे मिले हैं।अमेरिका के यूएसएफडीए ने पहले ही कोरोना के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी को मंजूरी दे दी है।
अब प्रशन यह आता है कि यह Plasma Therapy Kya Hai?, कोरोना वायरस में कैसे उपयोगी है?
इंसान के रक्त का सबसे बड़ा भाग प्लाज्मा होता है, रक्त से प्लाज्मा को अलग करने पर यह हल्के पीले रंग में नजर आता है। प्लाज्मा के संगठन के रूप में पानी,एंजाइम तथा नमक होता है। किसी भी व्यक्ति के कोरोना संक्रमित होने पर उसके शरीर में विशेष प्रकार के एंटीबॉडी बनने लगते हैं। यह एंटीबॉडी, वायरस से लड़कर उसे नष्ट करने की कोशिश करती है।
इस तरह कोरोना से ठीक होने वाले व्यक्ति के शरीर में एंटीबॉडी बनती है, फिर इस एंटीबॉडी को कोरोना संक्रमित मरीज के शरीर में प्रवेश किया जाता है। यह कोरोना वायरस को मारने में मदद करती है। इस प्रक्रिया में व्यक्ति के रक्त से केवल प्लाज्मा का हिस्सा ही लिया जाता है,बाकी का रक्त वापस शरीर में चला जाता है।
प्लाज्मा थेरेपी के बारे में रोचक तथ्य : Interesting Facts ABout Plasma Therapy in Hindi
1918: यह HIN1 और इन्फ्लूएंजा वायरस महामारी के इलाज के लिए इस्तेमाल किया गया था, जिसे लोकप्रिय रूप से स्पेनिश फ्लू के रूप में जाना जाता है।
2009: इसका उपयोग 2009 में H1N1 संक्रमण के उपचार में किया गया था।
2014: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इबोला के मरीजों के इलाज के लिए प्लाज्मा थेरेपी के इस्तेमाल की सिफारिश की।
2015: मिडिल-ईस्ट श्वसन लक्ष्ण (MERS) का इलाज करने की भी सिफारिश की गई थी जो कोरोनावायरस का एक प्रकार है।
2020: अब वर्तमान में प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग कोरोना जैसी महामारी के उपचार के लिए दुनिया भर में किया जा रहा है।
क्या प्लाज्मा थेरेपी COVID-19 का इलाज कर सकती है?
वर्तमान में, इसने दिल्ली और मुंबई में सकारात्मक परिणाम दिखाए हैं जहां COVID-19 मामले उच्च गति पर हैं। यह भी बीमारी से उबरने के लिए एक व्यक्ति की क्षमता में सुधार करने के लिए साबित हुआ है। हालांकि, विभिन्न रोगी प्रकारों में इसकी पूर्ण प्रभावकारिता साबित करने के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है।
प्लाज्मा थेरेपी कैसे काम करती है?
एक कॉनवल्सेन्ट प्लाज्मा थेरेपी उन मरीजों से एंटीबॉडीज (एक प्रकार का प्रोटीन यानी प्लाज्मा द्वारा निर्मित) का उपयोग करती है जो COVID -19 संक्रमण से पूरी तरह से उबर चुके हैं। यहां बताया गया है कि यह प्रक्रिया आपके शरीर में कोरोनोवायरस से कैसे लड़ेगी।
- रक्त पहले से संक्रमित लेकिन पूरी तरह से ठीक हुए मरीज से लिया जाता है, उस रक्त के प्लाज्मा घटक को अलग कर दिया जाता है और जिसमें SARS-CoV-2 वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी होते हैं। यह प्लाज्मा एक संक्रमित व्यक्ति के शरीर में इंजेक्ट किया जाता है जो वायरस से लड़ेगा और इसे फैलने से बेअसर करेगा।
- एक बार जब रोगी ठीक हो जाता है, तो उसे अपना रक्त दान करने के लिए कहा जाएगा ताकि उनके एंटीबॉडी का उपयोग अन्य संक्रमित रोगियों के इलाज के लिए किया जा सके।
- एचआईवी सहित किसी भी मौजूदा हानिकारक बीमारियों जैसे हेपेटाइटिस B और C के लिए रक्त के सैंपल की जाँच की जाएगी।
- बरामद रक्त को टेस्ट किया जाएगा और एक शोधकर्ता उस रक्त से प्लाज्मा निकालेगा जिसे संक्रमित व्यक्ति में इंजेक्ट किया जा सकता है।
प्लाज्मा थेरेपी ट्रीटमेंट की तैयारी कैसे करें?
सबसे पहले, एक डॉक्टर एक आक्षेपकारी प्लाज्मा उपचार की सिफारिश करेगा जो आपके रक्त प्रकार के लिए उपयुक्त है। यहां बताया गया है कि आपको उपचार से पहले कैसे तैयारी करनी चाहिए और उपचार के बाद आपको क्या करना चाहिए।
उपचार से पहले :
उपचार से गुजरने से पहले आपका स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर आपके स्वास्थ्य का आकलन करेगा। इस प्रक्रिया में एक स्वास्थ्य देखभाल सदस्य शामिल होता है जो आपकी बाहों की नस में इंट्रावेनस / IV ट्यूब डालेगा।
उपचार के दौरान :
एक संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति से बरामद प्लाज्मा को IV ट्यूब से जोड़ा जाएगा और आपको ड्रिप में आपूर्ति की जाएगी। प्रक्रिया पूरी होने में 2 घंटे लगते हैं।
इलाज के बाद :
आपके स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञ द्वारा आपकी निगरानी की जाएगी और डॉक्टर द्वारा आगे के आकलन के लिए आपको अस्पताल का लगातार दौरा करना होगा। आपके समग्र स्वास्थ्य के आधार पर, आपका स्वास्थ्य विशेषज्ञ यह तय करेगा कि आपको अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है या नहीं।
प्लाज्मा थेरेपी के जोखिम क्या है?
हालांकि इस तरह का उपचार COVID रोगियों पर प्रभावी साबित हुआ है, लेकिन अंतर्निहित जोखिमों को ध्यान में रखते हुए इसे उचित चिकित्सकीय देखरेख में करने की आवश्यकता है। यहां कुछ संभावित जोखिम हैं जिनके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए।
- चूंकि इस प्रक्रिया में रक्त आधान शामिल है, इसलिए एक संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति से बरामद रक्त से एक प्रचलित वायरस को प्रसारित करने का जोखिम हो सकता है। इस प्रकार, एक डॉक्टर को रक्त आधान का संचालन करने से पहले बरामद व्यक्ति के स्वास्थ्य का आकलन करना चाहिए।
- प्रत्येक मानव शरीर उपचार या दवा के लिए अलग-अलग तरीकों से प्रतिक्रिया करता है। यह उपचार कुछ रोगियों के लिए उपयोगी नहीं हो सकता है क्योंकि इससे संक्रमण हो सकता है।
- आपको एक बार फिर से संक्रमण होने का खतरा हो सकता है।
- संक्रमण से ठीक हुए व्यक्ति का 2 वीक के बाद 2 बार COVID-19 टेस्ट करके ही प्लाज्मा लेना चाहिए।
प्लाज्मा थेरेपी का दुनिया भर में उपयोग :
प्लाज्मा थेरेपी कोई नया उपचार नहीं है क्योंकि आपने COVID-19 रोगियों पर इसके उपयोग के बारे में सुना होगा। यह पहली बार नहीं है कि वायरल संक्रमण के इलाज के लिए डॉक्टरों द्वारा इसकी सिफारिश की गई है। इस लिए दुनिया भर में कोरोना वायरस जैसी महामारी से लड़ने के लिए दुनिया भर में इस प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग हो रहा है और इसके परिणाम भी अच्छे साबित हो रहे है, हालाँकि अभी कोरोना वायरस की कोई मेडिसिन नहीं बनी है उस के लिए अभी प्लाज्मा थेरेपी ही उचित विकल्प है।
भारत में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों, जो कि कोरोना से ठीक हो चुके हैं उन्हें प्लाज्मा देने का आग्रह किया है और इसके औसतन नतीजे भी ठीक आए हैं।
प्लाजमा थेरेपी की शुरुआत या खोज 1890 में जर्मन फिजियोलॉजिस्ट एमल वान बेहरिंग के द्वारा की गई। इसके लिए उन्हें मेडिसिन के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार भी दिया गया था।
प्लाजमा थेरेपी कोरोना के इलाज में कितनी कारगर है, यह शत-प्रतिशत तो नहीं बताया जा सकता लेकिन इसके प्रयोग एवं आंकड़ों का अध्ययन किया जा सकता है। प्लाज्माथेरेपी का उपयोग पहले भी इबोला एवं सार्स महामारी के इलाज में भी हो चुका है।
जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के मेडिकल डिपार्टमेंट के डॉक्टर के अनुसार ब्लड या ब्लड कंपोनेंट को चढ़ाने के अपने खुद के भी रिएक्शन करने के चांसेस हो सकते हैं। प्लाज्मा थेरेपी देने से पहले कुछ दिशा-निर्देशों का पालन करना होता है।
- कोविड-19 इलाज से ठीक हुए व्यक्ति ही इसके डोनर बन सकते हैं।
- किसी व्यक्ति के शरीर से एंटीबॉडी उसके ठीक होने के 2 हफ्ते बाद ही लिया जाना चाहिए तथा एंटीबॉडी लेने से पहले दो बार कोरोना टेस्ट करना जरूरी है।
- ठीक होने वाले व्यक्ति का एलिसा टेस्ट किया जाना चाहिए ताकि उसके शरीर में एंटीबॉडी का पता लगाया जा सके तथा उस व्यक्ति की समस्त रक्त जांच भी होना जरूरी है।
भारत समेत अमेरिका, ब्रिटेन एवं दुनिया के कई देशों में इस थेरेपी का ट्रायल चल रहा है। प्लाजमा थेरेपी लेने वाले मरीज के शरीर में बुखार, खांसी एवं तापमान में परिवर्तन को देखा जाता है और उसमें कितने प्रतिशत सुधार हुआ है उसे भी चेक किया जाता है। प्लाजमा थेरेपी उन मरीजों को दी जाती है जो आईसीयू में होते हैं, इनकी स्थिति को सोफा स्कोर (सीक्वेंशियल ऑर्गन फैलियर एसेसमेंट स्कोर) आधार पर देखा जाता है। थेरेपी देने के बाद यह देखा जाता है कि मरीज के सोफा स्कोर में क्या सुधार हुआ है।
चीन में ट्रायल के दौरान देखा गया कि मरीज में सोफा स्कोर,क्लीनिकल इंप्रूवमेंट,वायरल लोड में काफी सुधार हुआ है। भारत में भी इस ट्रायल के नतीजे कहीं अच्छे हैं तो कहीं औसतन है, लेकिन फिर भी जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक जो गंभीर रूप से ग्रसित मरीज हैं, उन्हें इस ट्रायल में शामिल कर उनकी जान को बचाया जा सकता है।
आशा है की अब आप जान चुके होंगे की Plasma Therapy Kya Hai? (What is Plasma Therapy in Hindi?) और क्यों यह COVID-19 के इलाज के लिए उपयोगी साबित हो रही है।
उम्मीद है आपको हमारा यह लेख Plasma Therapy Kya Hai? (What is Plasma Therapy in Hindi) पसंद आया होगा ,अगर आपको भी Plasma Therapy Kya Hai? (What is Plasma Therapy in Hindi) के बारे में पता है तो आप हमे कमेंट बॉक्स में लिख कर जरूर बताये।
और अगर आपके घर परिवार में भी कोई Plasma Therapy Kya Hai? (What is Plasma Therapy in Hindi) जानना चाहते है तो आप उन्हें भी यह लेख भेजे जिस से उन लोगो को भी Plasma Therapy Kya Hai? (What is Plasma Therapy in Hindi) के बारे में पता चलेगा।
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