पवनमुक्तासन योग करने का तरीका और फायदे [Pawanmuktasana Yoga (Wind-Relieving Pose) Steps And Benefits in Hindi]

पवनमुक्तासन योग करने का तरीका, फायदे और सावधानियां [ Pawanmuktasana Yoga (Wind-Relieving Pose) Steps, Benefits And Precautions in Hindi ]: हमारी बदलती जीवन शैली के लिए योग आवश्यक है। बढ़ते प्रदूषण और बदलते खानपान के कारण कई तरह की समस्याएं उत्पन होने लगी हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने में बाधा डालती हैं। ऐसी स्थिति में कुछ समय के लिये योग और प्राणायाम का अभ्यास आपको कई गंभीर समस्याएं होने का खतरा कम हो जाता है।

योगासन हमारे शरीर को मजबूत, लचीला और सुंदर बनाते है। योग कई शारीरिक और मानसिक समस्याएं, जेसे की तनाव, टेंशन, स्ट्रेस, डिप्रेशन एवं अनिद्रा को कम करता और अच्छे स्वास्थ्य रखने में मदद करता है।

वैसे तो योग कई प्रकार के होते हैं लेकिन आज हम आपके लिए यह लेख लाये है, इस लेख में आप जानेगें की पवनमुक्तासन क्या है, पवनमुक्तासन कैसे करते है और पवनमुक्तासन के लाभ एवं पवनमुक्तासन के फायदे क्या होते है और पवनमुक्तासन करने का सही तरीका क्या होता है, तो चलिए शुरू करते है।

Table Of Contents :

पवनमुक्तासन योग क्या है? [What is Pawanmuktasana Yoga (Wind-Relieving Pose) in Hindi]:

पवनमुक्तासन (Pawanmuktasana) दो संस्कृत शब्दों पवन (Pawan) और मुक्ता (mukta) से बना है, जहां पवन का अर्थ है (वायु) और मुक्ता का अर्थ है निकालना (रिलीज करना)। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, यह आसन पेट (पाचन तंत्र) से अनावश्यक गैस को निकालने में मदद करता है। इसलिए इसे अंग्रेजी में (Wind-Relieving Pose) कहा जाता है।

यह योगासन शरीर से गैस को बाहर निकालता है, इसलिए इसे (Gas Releasing Yoga) भी कहा जाता है। आमतौर पर खराब पाचन की समस्या से पीड़ित रोगियों को इस आसन को करने की सलाह भी दी जाती है। यह आसन अच्छे पाचन क्रिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।

यह योग का ऐसा आसन है जो पेट की कार्यक्षमता बढ़ाता है और पेट की बीमारियों को ठीक करता है। हालाँकि शुरुआत में इस आसन को करने में कुछ कठिनाई होती है, लेकिन इसके नियमित अभ्यास से इस आसन को आसानी से किया जा सकता है।

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पवनमुक्तासन योग करने का तरीका [How To Do Pawanmuktasana Yoga (Wind-Relieving Pose) in Hindi]:

योग के कई फायदे हैं, योग सकारात्मकता लाता है और साथ ही यह बीमारियों को ठीक करता है और आपको स्वस्थ रखता है। योग तभी फायदा करता है जब आप इसे सही तरीके से करते हैं तो आइये जानतें है की पवनमुक्तासन कैसे करे-

पवनमुक्तासन योग कैसे करें [Steps of Pawanmuktasan Yoga (Wind-Relieving Pose) in Hindi]:

  1. सबसे पहले अपनी योग चटाई पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं।
  2. अपने घुटनो को मोड़ें और अपनी जाँघों को छाती की ओर लाएँ।
  3. घुटनों के ठीक नीचे दोनों हाथों की उंगलियों को एक-दूसरे से आपस में फंसा कर पकड़ें ले।
  4. अब “पवनमुक्तासन” अथार्त  एक गहरी श्वास भर कर बहार छोड़ें।
  5. अब सांस छोड़ते हुए हुए दोनों घुटनों को दबा कर जितना संभव हो सके छाती की तरफ लाएं।
  6. अपने सिर को जमीन से ऊपर उठाएं और नाक को घुटने से छूने का प्रयास करेंगे।
  7. अब 30 सेकेंड तक इसी मुद्रा में थोड़ी देर रुके रहें और लंबी गहरी साँसे लेते रहें।
  8. अपने पैरों को खिंच कर रखे और एड़ियो को कुल्हे से लगा कर पैरों के पंजो को निचे की तरफ तने हुए रखें।
  9. फिर धीरे-धीरे साँस छोड़ते हुए सिर और पैरों को पहले की स्थिति में लाएं।

इस योग-आसन के सभी चरणों के साथ अपनी ओर से कोई बदलाव न करें। गैस को पाचन तंत्र से बाहर निकालने के लिए इस आसन के सभी चरणों का क्रमबद्ध अभ्यास करना महत्वपूर्ण है।

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पवनमुक्तासन योग करना क्यों जरूरी है? [Why is Pawanmuktasan Yoga (Wind-Relieving Pose) Important in Hindi]:

इस आसन का अभ्यास रोज सुबह करना सबसे अच्छा है ताकि आपके पाचन तंत्र की सभी फंसी हुई अनावश्यक गैसें निकल जाएं। यह उन पहले आसनों में से एक होना चाहिए जिनका आप अभ्यास करते हैं क्योंकि शरीर से अनावश्यक गैसों को छोड़ने के बाद, यह आपके लिये अन्य आसनों का अभ्यास करना आसान बना देगा।

इस आसन के नियमित अभ्यास से आप अपने शरीर को शांत, प्रसन्न, उर्जावान और तरोताजा महसूस करेंगे। भोजन के कम से कम पांच से छ: घंटे बाद योग का अभ्यास करना चाहिए, जब आपका पेट और आंत दोनों खाली हों।

पवनमुक्तासन योग के फायदे और लाभ [Benefits of Pawanmuktasana Yoga (Wind-Relieving Pose) in Hindi]:

इस योग से कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है, आइये जानतें है की पवनमुक्तासन के फायदे क्या होते हैं-

पवनमुक्तासन करने का तरीका और फायदे – Pawanamuktasana (Wind-Relieving Pose) Steps and Benefits in Hindi - Pawanmuktasana Kaise Kare in Hindi
पवनमुक्तासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां [Pawanmuktasana (Wind-Relieving Pose) Steps, Benefits And Precautions in Hindi]

1. एसिडिटी और गैस से छुटकारा दिलाए

यदि आप एसिडिटी व गैस की समस्या से अक्सर परेशान रहते है, तो आपके लिए यह आसन बहुत ही फायदेमंद है, तैलीय और फास्ट फूड के सेवन, कम शारीरिक गतिविधि और अनियमित जीवनशैली के कारण अक्सर लोगों के पेट में गैस की समस्या हो जाती है। यह बीमारी जहां पहले सिर्फ बुजुर्गों में देखी जाती थी, वहीं अब बच्चे भी इससे पीड़ित हो रहे हैं।

पवनमुक्तासन पेट की गैस से निजात दिलाने में काफी हद तक आपकी मदद कर सकता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से पेट से अतिरिक्त गैस दूर होती है और पेट स्वस्थ और फिट रहता है। पेट की गैस के लिए पवनमुक्तासन के फायदे आपको इसके अभ्यास के पहले दिन से ही दिखने लगेंगे।

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2. पेट की चर्बी कम करें

अगर आप पेट की अतिरिक्त चर्बी कम करना चाहते हैं, तो इससे बेहतर कोई विकल्प नहीं हो सकता आपके लिए। क्युकी, इस आसन के अभ्यास से आपकी पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है, जिससे पेट की चर्बी तेजी से घटती है।

3. मासिक धर्म के लिए फायदेमंद

यह आसन महिलाओं को मासिक धर्म (Menstruation) के दौरान होने वाली समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। यह गर्भाशय के रोगों में भी बहुत फायदेमंद है।

4. दिल के लिए फायदेमंद

यह आसन रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है और रक्त के थक्कों को बनने से भी रोकता है। साथ ही, कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी नियंत्रण में रहता है, और इससे आपका दिल सेहतमंद रहेगा और साथ ही आप दिल की बीमारियों से बचे रहेंगे।

5. तनाव के जोखिम को कम करें

पवनमुक्तासन भी गठिया, कटिस्नायुशूल (Sciatica) आदि समस्याओं में फायदेमंद है। इसके अलावा, इस आसन को रोजाना करने से आप डिप्रेशन मुक्त रहते हैं और इस से तनाव का खतरा भी कम होता हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।

6. कमर दर्द कम करें

कमर दर्द भी आज एक आम समस्या हो गई है। बढ़ती उम्र के साथ कमर दर्द होना एक आम बात है। लेकिन अगर बच्चे और नोजवान भी कमर दर्द की शिकायत करने लगें तो यह चिंता का विषय बन जाता है। पवनमुक्तासन कमर दर्द से बचने के लिए काफी मददगार होता है।

इस आसन के अभ्यास से कमर के निचले हिस्से में अच्छी तरह खिंचाव आता है, जिससे कमर दर्द में आराम मिलता है और कमर मजबूत होती है। यदि आप कटिस्नायुशूल (Sciatica) की समस्या से ग्रसित है या फिर कमर दर्द से अक्सर परेशान रहते है, तो आपको इस योग आसन का रोज अभ्यास करना चाहिए। अगर आप एक जगह बैठकर काम करते हैं तो आपको पवनमुक्तासन का अभ्यास जरूर करना चाहिए।

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7. रीढ़ को मजबूत करें

इस आसन के अभ्यास से रीढ़ पर खिचाव पड़ता है जिससे यह आपके रीढ़ को मजबूत बनाने में मदद करता है। जिससे आपकी रीढ़ की हड्डी लचीली और मजबूत होती है।

8. फेफड़ों के लिए फायदेमंद

अगर आप इस आसन का नियमित अभ्यास करते है, तो इस से शरीर में रक्त का संचार अच्छा बना रहता है, जिससे फेफड़े स्वस्थ रहते हैं एवम सुचारू रूप से कार्य करते रहते हैं।

9. पेट के लिए फायदेमंद

पवनमुक्तासन के फायदे पाचन तंत्र को मजबूत रखने के लिए भी बेहद फायदेमंद होते हैं। अच्छे स्वास्थ्य और फिट शरीर के लिए पाचन तंत्र का मजबूत होना बहुत जरूरी है। पाचन तंत्र कमजोर होने के कारण भोजन से पोषक तत्व शरीर को नहीं मिल पाते हैं। नतीजतन, शरीर में कई तरह की समस्याएं पैदा होने लगती हैं।

जब आप इस आसन का अभ्यास करते है तब पेट और अन्य इंद्रियों पर दबाव पड़ता है जिससे पेट की मालिश होती है। नतीजतन, यह आसन पेट से हवा निकालता है और पाचन क्रिया को अच्छा बनाए रखता है।

10. हाथों और पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करें

जब इस योग आसन का अभ्यास किया जाता है तब हाथों व पैरों की मासपेशियों में स्ट्रेचिंग मिलती है जिससे यह हमारे हाथो और पैरो को मज़बूत बनाता है।

बाबा रामदेव द्वारा बताया गया पवनमुक्तासन योग करने का सही तरीका [Baba Ramdev Step By Step Instructions For Pawanmuktasana Yoga (Wind-Relieving Pose) in Hindi]:

पवनमुक्तासन योग करते समय क्या सावधानियां और एहतियात बरते [What Are The Precautions To Be Taken While Pawanmuktasana Yoga (Wind-Relieving Pose) in Hindi]:

पवनमुक्तासन कैसे करें, और पवनमुक्तासन के फायदे क्या है, यह जानने के साथ-साथ इससे जुड़ी कुछ सावधानियों के बारे में जानना भी जरूरी है, आइए जानते हैं कि पवनमुक्तासन करते समय व्यक्ति को कौन सी सावधानियां और एहतियात बरतनी चाहिए

  • अगर आपको हर्निया या बवासीर, हृदय की समस्या और स्लिप डिस्क की समस्या है तो इस आसन को करने से बचना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को डॉक्टरों की मंजूरी के बिना इस का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  • यदि हाल ही में पेट की कोई सर्जरी हुई हो तो इस आसन को करने से से बचना चाहिए क्योंकि इस आसन से पेट पर काफी दबाव पड़ता है।
  • यदि किसी को गर्दन और कंधों में दर्द की समस्या है तो इसका अभ्यास न करें।
  • यदि आपको उच्च रक्तचाप (हाई ब्लडप्रेशर) है, तो इस आसन को करने में उचित सावधानी बरतें।
  • यदि आपके सीने में दर्द की समस्या हो या फिर गर्दन में कोई पुरानी चोट हो तो इस आसन को डॉक्टर की सलाह लेकर करना चाहिए।

पवनमुक्तासन के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

पवनमुक्तासन कब करना चाहिए?

आप इस मुद्रा का अभ्यास तब कर सकते हैं जब अधिकांश योग मुद्राओं के अभ्यास की सिफारिश की जाती है, जैसे सुबह और शाम। हालाँकि, इस आसन का अभ्यास रोज सुबह करना सबसे अच्छा है ताकि आपके पाचन तंत्र में फंसी सारी गैसें बाहर निकल सकें। यह भी आपके द्वारा अभ्यास किए जाने वाले पहले आसनों में से एक होना चाहिए क्योंकि एक बार गैसें निकलने के बाद, अन्य आसनों का अभ्यास करना आसान हो जाएगा।

क्या गर्भवती महिलाएं पवनमुक्तासन का अभ्यास कर सकती हैं?

नहीं, गर्भवती महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए।

पवनमुक्तासन के लिए सावधानियां क्या हैं?

हां, लगभग सभी योगों में कुछ मतभेद होते हैं। जिन लोगों की हाल ही में पेट की सर्जरी हुई है उन्हें इस योग को करने से बचना चाहिए। साथ ही गर्दन में खिंचाव, हर्निया, बवासीर और गर्भवती महिलाओं को पवनमुक्तासन नहीं करना चाहिए।

आशा है इन सभी गुणों को जान ने के बाद आपको कभी यह नहीं बोलना पड़ेगा की पवनमुक्तासन करने का तरीका और फायदे (Pawanmuktasana Yoga Steps And Benefits in Hindi) क्या होते है।

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और अगर आपके घर परिवार में भी कोई पवन-मुक्तासन करने का तरीका और फायदे (Pawanmuktasana Yoga Steps And Benefits in Hindi) के बारे में जानना चाहते है तो आप उन्हें भी यह लेख भेजे जिस से उन लोगो को भी पवनमुक्तासन करने का तरीका और फायदे (Pawanmuktasana Yoga Steps And Benefits in Hindi) के बारे में पता चलेगा।

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