कपालभाति प्राणायाम करने का तरीका और फायदे (How To Do Kapalbhati Pranayama (Breath of Fire) Steps And Benefits in Hindi): हमारी बदलती जीवन शैली के लिए योगासन आवश्यक है। बढ़ते प्रदूषण और बदलते खानपान के कारण कई तरह की समस्याएं उत्पन होने लगी हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने में बाधा डालती हैं। ऐसी स्थिति में कुछ समय के लिये योग और प्राणायाम का अभ्यास करने से आपको कई गंभीर समस्याएं होने के खतरा कम हो जाता है।
ये योगासन हमारे शरीर को मजबूत, लचीला और सुंदर बनाते है। योग कई शारीरिक और मानसिक समस्याएं, जेसे की तनाव, टेंशन, स्ट्रेस, डिप्रेशन एवं अनिद्रा को कम करते है और अच्छे स्वास्थ्य रखने में मदद करते है। वैसे तो योगासन और प्राणायाम असंख्य प्रकार के होते हैं लेकिन आज हम आपके लिए यह लेख लाये है।
इस लेख में आप जानेगें की कपालभाति प्राणायाम क्या है, कपालभाति प्राणायाम कैसे करते है और कपालभाति प्राणायाम के फायदे एवं कपालभाति प्राणायाम के लाभ क्या होते है और कपालभाति प्राणायाम करने का सही तरीका क्या होता है, इसके साथ ही, आप इस लेख में कपालभाति प्राणायाम से जुड़ी सावधानियां और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी जानेंगे। तो चलिए शुरू करते है।
- कपालभाति प्राणायाम क्या है? (What is Kapalbhati Pranayama (Breath of Fire) in Hindi):
- क्या कपालभाती पेट कम कर सकता है?
- कपालभाती में शरीर के कौनसे भाग पर असर होता है?
- कपालभाति प्राणायाम के 12 फायदे [Benefits of Kapalbhati (Breath of Fire) Pranayama in Hindi]:
- 1. पाचन क्रिया को तेज करें
- 2. रक्त परिसंचरण में सुधार करें
- 3. पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाये
- 4. वजन घटायें
- 5. पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि रोग से बचाव में सहायक
- 6. फेफड़ों से संबंधित समस्याओं की रोकथाम करें
- 7. चमकती त्वचा बनाएं
- 8. बेहतर श्वसन प्रणाली बनायें
- 9. तनाव कम करें और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करें
- 10. नसों की कमजोरी को दूर करें
- 11. याददाश्त और एकाग्रता शक्ति में सुधार करें
- 12. एसिडिटी और गैस संबंधी समस्याओं को दूर करें
- बाबा रामदेव द्वारा बताया गया कपालभाति प्राणायाम करने का सही तरीका और स्टेप्स [Baba Ramdev Kapalbhati Pranayama (Breath of Fire) in Hindi]:
- कपालभाति प्राणायाम करने का तरीका [How to do Kapalbhati Pranayama (Breath of Fire) Step By Step Procedure in Hindi]:
- कपालभाति कितने समय तक करना चाहिये?
- कपालभाति कितने मिनट करना चाहिए?
- कपालभाति प्राणायाम सावधानियां [Kapalbhati Pranayam (Breath of Fire) Precautions in Hindi]:
- कपालभाति प्राणायाम करने के लिए कुछ टिप्स [Some tips for doing Kapalbhati Pranayama (Breath of Fire) in Hindi]:
- FAQ : People Also Ask
कपालभाति प्राणायाम क्या है? (What is Kapalbhati Pranayama (Breath of Fire) in Hindi):
दो शब्दों को मिलाकर कपालभाती शब्द बना है, जिसमें ‘कपाल’ शब्द का अर्थ माथे से लिया गया है, और ‘भाति’ का अर्थ “ तेज या चमकना” है, एवं जिसका अर्थ है कि यह एक शुद्ध और ऊर्जा जारी करने वाली तकनीक है। यह एक योगिक अभ्यास है, जिसे आंतरिक शुद्धि तकनीक माना जाता है। इसमें, साँस को तेजी से छोड़ने की क्रिया की जाती है, जो विभिन्न रोगों का इलाज कर सकती है।
कपालभाति प्राणायाम (Breath of Fire) एक तकनीक है, यह एक प्रकार से श्वास का व्यायाम है जो आपको विभिन्न बीमारियों से छुटकारा दिलाने मे मदद करता है। कपालभाती एक ऐसा आसन है जिसको करने से सभी योगासनों का फायदा मिलता है।
जब योगासन की बात होती है तो कपालभाति प्राणायाम को जीवन की संजीवनी कहा जाता है। इस आसन को सबसे कारगर योग माना जाता है। इसी लिए इस प्राणायाम को हठयोग में भी शामिल किया गया है। इसे योग आसनों में सबसे प्रभावी प्राणायाम माना जाता है।
किसी भी स्वस्थ व्यक्ति की पहचान उसके चमकते माथे से की जाती है। अक्सर ऐसा मन जाता है कि नियमित रूप से कपालभाति करने से मन शांत होता है और व्यक्ति के माथे पर एक चमक आ जाती है।कपालभाति का मुख्य कार्य आंतरिक अंगों को शुद्ध करना और मेटाबोलिज्म में सुधार करना होता है। लेकिन, इसके कई अन्य लाभ हैं जिनकी इस तकनीक के सही चरणों के साथ इस लेख में चर्चा की जाएगी।
क्या कपालभाती पेट कम कर सकता है?
आप अपनी दिनचर्या में कपालभाति को शामिल करके अपने पेट को कम कर सकते हैं। इस आसन में सांस को खींचना और छोड़ना होता है, जिससे पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है, जिससे आपको पेट को कम करने में मदद मिलती है।
कपालभाती में शरीर के कौनसे भाग पर असर होता है?
कपालभाति प्राणायाम में बलपूर्वक सांस लेना शामिल है जो फेफड़ों को मजबूत करता है और इसकी क्षमता को बढ़ाता है। कपालभाति का अभ्यास हृदय और फेफड़ों में रुकावटों को दूर करने में मदद करता है जिससे चेहरे का तेज भी बढ़ता है।
कपालभाति प्राणायाम के 12 फायदे [Benefits of Kapalbhati (Breath of Fire) Pranayama in Hindi]:
कपालभाति प्राणायाम (Breath of Fire) करने से हमारे शरीर को कई फायदे मिलते हैं। यहां नीचे हमने उन फायदों के बारे में चर्चा की है जिनके बारे में आप नहीं जानते होंगे। आइए जानते हैं कपालभाति योग के फायदे:
1. पाचन क्रिया को तेज करें
कपालभाती (Kapalbhati Pranayama) को शरीर से विषाक्त पदार्थों को बहार निकालने के लिए जाना जाता है, पाचन और उन्मूलन की प्रक्रिया में कपालभाती की स्पष्ट भूमिका है। यह पाचन तंत्र की मांसपेशियों को टोन करने के लिए पहचाना गया है।
इसके अलावा, 2013 के एक अध्ययन ने गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिसऑर्डर या जीईआरडी के प्रबंधन में कपालभाति प्राणायाम तकनीक की संभावित भूमिका का सुझाव दिया।
इस अध्ययन ने निर्धारित किया कि कपालभाती को जीईआरडी के औषधीय उपचार के साथ संयुक्त रूप से गंभीर मामलों के प्रबंधन के लिए पारंपरिक उपचार की तुलना में कपालभाति कई अधिक प्रभावशाली था।
2. रक्त परिसंचरण में सुधार करें
ब्लड सर्कुलेशन कम होने से कई समस्याएं हो सकती हैं, जैसे स्किन एलर्जी, ठंडे हाथ, बाल गिरने, सूखे नाखून आदि। यह कभी-कभी स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर स्थिति का कारण बन सकता है। कपालभाति प्राणायाम लो ब्लड सर्कुलेशन (कम ब्लड प्रेशर) को ठीक करने के लिए एक अच्छी योग तकनीक है।
यह पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और आपको स्वस्थ रखता है। इसके लिये आज से ही इसे रोज सुबह या शाम के वक्त 5 मिनट तक कपालभाति करना शुरू कर दें। इस योगासन के साथ-साथ आप अधिक लाभ के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम भी करें।
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3. पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाये
कपालभाति आसन करने के दौरान सांस को खींचने और छोड़ने की क्रिया की जाती है जिससे शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर होता है। रक्त प्रवाह बेहतर होने से शरीर कई तरह की बीमारियों से बच सकता है जैसा कि हम इस क्रिया के दौरान सांस को खींचते और छोड़ते है जिससे पेट के आसपास की मांसपेशियों का प्रयोग हो जाता है और यह पेट की मांसपेशियो को मजबूत बनाता है।
4. वजन घटायें
कपालभाति प्राणायाम को वजन घटाने के लिए भी जाना जाता है। बढ़ता वजन आजकल हर किसी के लिए सिरदर्द बना हुआ है। कई घंटों तक जिम में पसीना और पैसा बहाने पर भी परिणाम कुछ खास नहीं होते हैं। ऐसे स्थिति में योग एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आप कपालभाति को अपनी दिनचर्या में शामिल करके अपना वजन कम कर सकते हैं।
इस आसन में सांस को खींचने और छोड़ने की प्रक्रिया की जाती है जिससे पेट की मांसपेशियों पर दबाव होता है और पेट की मालिस होती है जो वजन कम करने के आपकी मदद करता है।
5. पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि रोग से बचाव में सहायक
पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि रोग या पीसीओडी दुनिया भर में बड़ी संख्या में महिलाओं को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है। कुछ अध्ययनों ने पीसीओडी के प्रबंधन में कपालभाति प्राणायाम की भूमिका का सुझाव दिया गया है लेकिन सबूत सीमित हैं। एक संभावित तंत्र जिसके द्वारा कपालभाति वजन घटाने की प्रक्रिया के माध्यम से प्रबंधन करने में सहायता कर सकता है। चूंकि मोटापा इस विकार के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है, इसलिए इसमें कपालभाति मददगार साबित हो सकता है।
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6. फेफड़ों से संबंधित समस्याओं की रोकथाम करें
कपालभाति आसन फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है और उन्हें मजबूत बनाता है। इस आधुनिक युग में जवान से लेकर बुजुर्गो तक हर कोई फेफड़ों से संबंदित विभिन्न प्रकार की समस्याओं से पीड़ित होते हैं। कमजोर फेफड़े आपकी जान के लिए खतरा हो सकते हैं। इसलिए अगर आप कमजोर फेफड़ों और फेफड़ों की अन्य समस्याओं से पीड़ित लोगों में से एक हैं तो रोजाना सुबह-शाम कपालभाति का अभ्यास करें।
आपके फेफड़ों की सभी छोटी-मोटी समस्याओं का समाधान 30 दिनों से भी कम समय में किया जा सकता है। परन्तु अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें। फेफड़ों की गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए कपालभाति न करने की सिफारिश की जाती है क्योंकि उनके लिए इस क्रिया को करना मुश्किल हो सकता है।
7. चमकती त्वचा बनाएं
जैसा कि नाम से स्पष्ट है, कपालभाति एक योगिक तकनीक है जो शरीर के विषाक्त पदार्थों के निस्तारण को सक्षम करके आपकी त्वचा को एक प्राकृतिक चमक या चमक प्रदान करने में मदद करती है। यह आपकी त्वचा को जवां रखने के लिए, जीवंत और चमकदार बनाने में मदद करता है।
इसके अलावा, कपालभाती शरीर के ऊर्जा स्तर को फिर से जीवंत करने में भी मदद करता है, जो एक अन्य तंत्र है जिसके द्वारा यह आपको अधिक युवा महसूस करने में मदद करता है।
8. बेहतर श्वसन प्रणाली बनायें
कपालभाति प्राणायाम बेहतर श्वसन में मदद करता है। इसलिए, यह अक्सर सर्दी, खांसी, राइनाइटिस, साइनसाइटिस, अस्थमा और अन्य श्वसन विकारों के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। वास्तव में, एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि कपालभाति, रोगी के पारंपरिक एंटी-ट्यूबरकुलोसिस उपचार के साथ-साथ तपेदिक के प्रबंधन में सहायता कर सकता है।
हालाँकि, इस तकनीक को रोगग्रस्त अवस्था में करने की सिफारिश नहीं की जाती है। दूसरी ओर, श्वसन विकारों की रोकथाम के लिए स्वस्थ विषयों में इस तकनीक की बड़े पैमाने पर सिफारिश की जाती है।
9. तनाव कम करें और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करें
कई प्राणायाम तकनीकों की तरह, कपालभाती तनाव को कम करने में सहायक होती है। यह स्वस्थ विषयों पर किए गए एक हालिया अध्ययन से साबित हुआ है, जिन्होंने इस तकनीक के अभ्यास के साथ कम कथित तनाव पैमाने का प्रदर्शन किया। इसलिए, पुराने तनाव से पीड़ित लोगों के लिए कपालभाति एक उत्कृष्ट व्यायाम हो सकता है।
इसके अलावा, कपालभाति के अभ्यास को मस्तिष्क के समग्र कामकाज में सुधार करने के लिए भी जाना जाता है। दृश्य प्रतिक्रिया समय पर कपालभाति प्राणायाम के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए किए गए एक हालिया अध्ययन ने निष्कर्ष निकाला कि यह नेत्र व्यायाम के साथ संयुक्त होने पर इस फ़ंक्शन को बढ़ाने में मदद करता है। इस तकनीक के इन सभी लाभों का सुझाव है कि इसे विद्वानों द्वारा अत्यधिक अभ्यास किया जाना चाहिए।
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10. नसों की कमजोरी को दूर करें
नसों की कमजोरी आज कई लोगों में एक आम समस्या बन चुकी है। लगभग सभी उम्र के लोगों में अनुचित भोजन का सेवन, उच्च तनाव, कम नींद और अस्वस्थ जीवनशैली के कारण इस समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके बाद में थकान, कम ऊर्जा का स्तर, सिर दर्द, नपुंसकता, बांझपन और कई अन्य समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
इस प्राणायाम से आपके शरीर की लगभग सभी नसें सक्रिय एवम स्थिर हो जायेंगे और इस समस्या में कपालभाति योग करने की सलाह कई योग गुरु भी देते है। कम से कम 1 महीने तक लगातार कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास करने से आपके शरीर की लगभग सभी नसों की कमजोरी पूरी तरह से ठीक हो सकती है।
11. याददाश्त और एकाग्रता शक्ति में सुधार करें
कपालभाति मस्तिष्क की कोशिकाओं को सक्रिय करता है और याददाश्त और एकाग्रता शक्ति में सुधार करता है।मस्तिष्क के लिए भी योग बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। प्राणायाम करने से मनुष्य का दिमागी विकास हो सकता है और यह अन्य मस्तिष्क संबंधी समस्याओं से बचाव कर सकता है। कपालभाति मस्तिष्क के लिए भी बहुत जरूरी है। इसे करने से व्यक्ति का दिमाग न सिर्फ तेज होता है, बल्कि बौद्धिक क्षमता का भी विकास हो सकता है।
12. एसिडिटी और गैस संबंधी समस्याओं को दूर करें
कपालभाति पाचन, एसिडिटी और गैस संबंधी समस्याओं को दूर करता है। इस आसन को करने से एसिडिटी व गैस जैसी समस्याओं से भी राहत मिल सकती है। इसलिए अगर आपको पेट संबंधी समस्या है, तो आप प्रतिदिन कपालभाति प्राणायाम करके इन समस्याओ से निजात पा सकते हैं।
अन्य कपालभाति के फायदे [Other Kapalbhati Pranayama (Breath of Fire) Karne Ke Fayde in Hindi]:
- पेट की चर्बी कम करने के लिए कपालभाति का नियमित अभ्यास भी फायदेमंद होता है।
- कपालभाति तकनीक में जबरदस्त श्वास शामिल है जो फेफड़ों को मजबूत करती है और इसकी क्षमता बढ़ाती है।
- कपालभाती का अभ्यास करने से दिल और फेफड़ों में रुकावटों को दूर करने में मदद मिलती है।
- इससे शरीर के विभिन्न हिस्सों में रक्त की आपूर्ति भी बढ़ती है।
- यह शरीर को सक्रिय करता है और सुस्ती को दूर करता है।
- कपालभाति फोकस के लिए बहुत अच्छा है और भूलने की बीमारी को दूर करता है।
तो अब जब आप कपालभाति के फायदे और लाभ (Kapalbhati Pranayam (Breath of Fire) Benefits in Hindi) के बारे में जान ही चुके है, तो चलिए अब जानते है कपालभाति करने का तरीका(Kapalbhati Pranayam (Breath of Fire) Step By Step in Hindi) क्या है –
(यह भी पढ़े – कमर दर्द के लिए योगासन [10 Effective Yoga & Exercise For Back Pain in Hindi])
बाबा रामदेव द्वारा बताया गया कपालभाति प्राणायाम करने का सही तरीका और स्टेप्स [Baba Ramdev Kapalbhati Pranayama (Breath of Fire) in Hindi]:
कपालभाति प्राणायाम करने का तरीका [How to do Kapalbhati Pranayama (Breath of Fire) Step By Step Procedure in Hindi]:
अपने घर पर कपालभाति प्राणायाम को सही ढंग से करने के लिए इन चरणों का पालन करें:
- सर्वप्रथम योग चटाई पर आराम से बैठ जाये।
- अब हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें और सिर एवम रीड की हड्डी को सीधा रखे।
- अब अपनी आँखों को बंद कर लें और सम्पूर्ण शरीर को ढीला छोड़ दें।
- अब दोनों नाक के गुहाओं (नाक के दोनों छिद्रों के माध्यम से) से गहरी सांस लें और पेट की मांसपेशियों को सिकोड़ते हुए सांस छोड़ें।
- आपका पूरा ध्यान सिर्फ सांसो को बहार छोड़ने की तरफ़ होना चाहिए |
- जैसे ही आप पेट की मांसपेशियों को ढीला छोड़गें, सांस अपने आप फेफड़ों तक पहुंच जाएगी।
- वापस साँस लेने के लिए बहुत ज्यादा चिंता न करें।
- जैसे ही आप अपने पेट की मांसपेशियों को छोडेंगें, वैसे ही आप अपने आप सांस लेना शुरू कर देगें।
- शुरू में कम से कम दस बार सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया करें।
- इस क्रिया को 4 से 5 बार दोहराएं।
इस तकनीक का प्रदर्शन करते समय खुद को तनाव न देना महत्वपूर्ण है और यह प्रदर्शन एक प्रशिक्षित विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में करने के लिए सबसे अच्छा है, जो आपको प्रशिक्षित करने में मदद करेंगे।
कपालभाति कितने समय तक करना चाहिये?
एक शुरुआत के लिए पांच राउंड पर्याप्त हैं। कुछ हफ्तों के अभ्यास के बाद, आप अपनी क्षमता के आधार पर एक दिन में 200 राउंड और यहां तक कि 200 राउंड ज्यादा भी साँस छोड़ने की गति और संख्या बढ़ा सकते हैं। इसी तरह, नियमित अभ्यास के बाद इसकी संख्या बढ़ाई जा सकती है। विशेषज्ञ अपनी क्षमता के अनुसार 1000 और अधिक चक्कर लगा सकते हैं।
कपालभाति कितने मिनट करना चाहिए?
कपालभाति प्राणायाम 15 से 30 मिनट तक किया जा सकता है। कपालभाति प्राणायाम तीन समायोजन में किया जा सकता है। यह प्राणायाम खाली पेट और कुछ खाने के बाद भी किया जा सकता है। इस प्राणायाम को करने के लिए सुबह आदर्श समय है।
कपालभाति प्राणायाम सावधानियां [Kapalbhati Pranayam (Breath of Fire) Precautions in Hindi]:
शुरुआती लोगों को इस अभ्यास को करते समय तनाव से बचना चाहिए, और निम्न स्थितियों या विकारों से प्रभावित व्यक्तियों को इसके अभ्यास से बचना चाहिए जो यहाँ निचे दर्शायी गयी है:
- उच्च रक्तचाप
- एपिस्टेक्सिस या नाक से खून बहना
- माइग्रेन
- आघात
- आमाशय का फोड़ा
- मिरगी
- सिर का चक्कर
- हृदय संबंधी विकार
- हरनिया
आसन करते समय दर्द या चक्कर आने लगे तो आसन करना बंद कर दें और कुछ देर के लिए शांत बैठ जाएं। जब यह समस्या खत्म हो जाए तो सावधानी और कम जोर से आसन फिर से शुरू करें। अगर यह समस्या बनी रहती है, तो अपने योग टीचर को बताएं वह आपको इसे अच्छे से करने में मदद करेंगे।
कपालभाति प्राणायाम करने के लिए कुछ टिप्स [Some tips for doing Kapalbhati Pranayama (Breath of Fire) in Hindi]:
- जिन लोगों को उच्च रक्तचाप, मिर्गी, हृदय रोग और माइग्रेन है, उन्हें कपालभाति प्राणायाम करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
- जो लोग अस्थमा से पीड़ित हैं उन्हें कपालभाति प्राणायाम सावधानी से करना चाहिए।
- अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो कपालभाति करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान कपालभाति से भी बचना चाहिए।
- कपालभाति करने से पहले और बाद में कुछ भी न खाएं-पिएं।
- जो लोग पहली बार योग कर रहे हैं उन्हें कपालभाति की शुरुआत किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करनी चाहिए।
FAQ : People Also Ask
कपालभाति क्या है और इसके फायदे?
कपालभाति एक साँस लेने का व्यायाम है जो रक्त परिसंचरण और पाचन में सुधार करता है। कपालभाती प्राणायाम वजन घटाने में भी मदद करता है, क्योंकि यह आपकी चयापचय दर को तेजी से बढ़ाता है और आंतरिक अंगों, विशेष रूप से पेट को उत्तेजित करता है, इसलिए यह मधुमेह वाले लोगों की मदद करता है।
आशा है इन सभी गुणों को जान ने के बाद आपको कभी यह नहीं बोलना पड़ेगा की कपालभाति प्राणायाम करने का तरीका और फायदे (Kapalbhati Pranayama (Breath of Fire) steps and benefits in Hindi) क्या होते है।
यह भी पढ़े-
उम्मीद है आपको हमारा यह लेख कपालभाति प्राणायाम 12 के फायदे और करने का तरीका [Kapalbhati Pranayama (Breath of Fire) Benefits And Steps in Hindi] पसंद आया होगा ,अगर आपको भी कपालभाति प्राणायाम कैसे करें (Kapalbhati Pranayama (Breath of Fire) steps and benefits in Hindi) के बारे में पता है तो आप हमे कमेंट बॉक्स में लिख कर जरूर बताये।
और अगर आपके घर परिवार में भी कोई कपालभाति प्राणायाम करने की विधि और फायदे (Kapalbhati Pranayama (Breath of Fire) steps and benefits in Hindi) जानना चाहते है तो आप उन्हें भी यह लेख भेजे जिस से उन लोगो को भी कपालभाति प्राणायाम करने का तरीका और फायदे (Kapalbhati Pranayama (Breath of Fire) steps and benefits in Hindi) के बारे में पता चलेगा।
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